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INX केस: चिदंबरम के पक्ष में कपिल सिब्बल की दलील- पैसा तो देश में ही आया ना!

पी चिदबंरम की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरन उनके वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि गाइडलाइन के मुताबिक ही सब कुछ किया गया. अनुमति 46 फीसदी शेयर को लेकर थी, कीमत के लिए नहीं. 600 करोड़ से कम विदेशी निवेश को मंजूरी देने का हक था.

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पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम (फाइल फोटो- IANS)
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम (फाइल फोटो- IANS)

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  • सिब्बल ने कहा- पैसा देश में आया तो नुकसान किसका
  • धारा 120 बी और 420 लगाने की वजह क्या है?
आईएनएक्स मीडिया केस में तिहाड़ जेल में बंद पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम की जमानत अर्जी पर बहस के दौरान चिदंबरम के वकील और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा कि पैसा देश में आया तो इससे नुकसान किसका हुआ? किसी का नहीं, तो फिर पी चिदंबरम पर 120 बी और 420 क्यों लगाई गई है?

पी. चिदंबरम ने कहा कि आईएनएक्स मीडिया मामले में आरंभिक तौर पर 4.62 करोड़ के फेस वेल्यू पर पैसा लाया गया, शेयर ट्रांसफर भी सेबी के नियमों के मुताबिक किया गया. कपिल सिब्बल ने कहा कि आईएनएक्स मीडिया में बोर्ड ने 46 फीसदी निवेश की मंजूरी दी थी, शेयर्स की फेस वेल्यू 4.62 करोड़ थी लेकिन प्रीमियम वेल्यू ज्यादा थी.

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कपिल सिब्बल ने कहा कि किसी भी शेयर की प्रीमियम वैल्यू फेस वैल्यू से कहीं ज्यादा हो सकती है. इसमें कुछ भी ग़लत नही था. सब कुछ नियमों के अनुसार हुआ, इस मामले में सेबी या रिजर्व बैंक का कभी कोई नोटिस नहीं आया. कभी सेबी और आरबीआई ने नोटिस इश्यू नहीं किया.

कपिल सिब्बल ने कहा कि गाइडलाइन के मुताबिक ही सब कुछ किया गया. अनुमति 46 फीसदी शेयर को लेकर थी, कीमत के लिए नहीं. 600 करोड़ से कम विदेशी निवेश को मंजूरी देने का हक था.

मंगलवार तक टली सुनवाई

हाई कोर्ट का समय पूरा होने के चलते चिदंबरम की याचिका पर सोमवार को सुनवाई पूरी नहीं हो पाई. इस मामले की सुनवाई अब मंगलवार दोपहर साढ़े तीन बजे से फिर से होगी.

कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा कि सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट पर हमने अपना जवाब तैयार कर लिया है. सिब्बल ने कहा कि सीबीआई ने अपना जवाब एक दिन की देरी से शुक्रवार को फाइल किया है.

मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट से कपिल सिब्बल ने ये भी कहा कि किसी ने पैसे नहीं लिए, न ही कोई भारत से बाहर भागने की कोशिश की थी. पैसा देश में ही आया है, यह आर्थिक अपराध किस तरह से है.

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इस मामले में एक एक्स पोस्ट फैक्टो अप्रूवल दिया गया. किसी भी तरह का राजकोषीय घाटा भी नहीं हुआ है. आरोप लगाया जा रहा है कि कार्ति चिदंबरम ने 10 लाख रुपये घूस के तौर पर लिए.

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