भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने ट्वेंटी.20 विश्व कप में टीम के निराशाजनक प्रदर्शन के लिए आईपीएल को जिम्मेदार ठहराने से इंकार किया लेकिन माना कि मैच के बाद की पार्टियों और इस टी-20 लीग के दौरान अधिकाधिक यात्राओं से खिलाड़ियों की फिटनेस को नुकसान पहुंचा.
श्रीलंका के खिलाफ कल सुपर आठ मुकाबले में हार से टी20 विश्वकप से बाहर हुई भारतीय टीम के कप्तान धोनी ने कहा, ‘‘ज्यादातर खिलाड़ी फिट और तरोताजा थे. खिलाड़ियों को केवल क्रिकेट ही नहीं बल्कि आईपीएल के इर्दगिर्द जारी घटनाओं के बारे में भी स्मार्ट रहने की जरूरत है. हमें अपने शरीर को समझना होगा और इसे उबरने के लिए कुछ समय देना होगा. क्योंकि इसके लिए मैच खेलने के अलावा भी खिलाड़ी को बहुत कुछ करने के लिए होता है. पार्टियों में शामिल होने और यात्रा करने से नुकसान पहुंचा.’’ धोनी ने कहा कि आईपीएल का छह सप्ताह का लंबा इस हार के लिए जिम्मेदार नहीं है.
धोनी ने कहा, ‘‘हमारे प्रदर्शन का आईपीएल से कोई मतलब नहीं है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह नहीं कहूंगा कि आईपीएल के कारण हमारी तैयारियों पर असर पड़ा. असल में इसने विश्व कप के लिए हमारी तैयारियों में मदद की. इसने हमें सुरेश रैना, रोहित शर्मा, रविंदर जडेजा, प्रज्ञान ओज्ञा और अमित मिश्रा जैसे खिलाड़ी दिए. इसने कई प्रतिभाओं को खोज निकाला.’’ धोनी ने टीम की आलोचनाओं से इंकार करते हुए कहा, ‘‘जैसी बातें की जा रही हैं, मैं इससे चिंतित नहीं हूं. हम अपना सर्वश्रेष्ठ देने की की कोशिश करते हैं. हम अपने देश के लिए खेलते हैं.’’ {mospagebreak}
विकेटकीपर कप्तान धोनी ने कहा कि भारतीय खिलाड़ियों ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया लेकिन नतीजे बहुत अच्छे नहीं आए. उन्होंने कहा, ‘‘हम जब भी मैदान में होते हैं तो बेहतर करने की कोशिश करते हैं. लेकिन आप हमेशा अच्छा नहीं कर पाते हैं. जो हम कर सकते थे, हमने करने की कोशिश की लेकिन हम फिर भी हार गए.’’
धोनी ने आलराउंडर प्रदर्शन करने पर श्रीलंकाई टीम की तारीफ की और कहा, ‘‘उन्होंने अंतिम ओवरों में बेहतर बल्लेबाजी की. उन्होंने 13वें ओवर के बाद गेंदबाजी भी अच्छी की और हमारे लिए रन बनाना मुश्किल कर दिया.’’ भारतीय कप्तान ने पहले बल्लेबाजी करने के अपने निर्णय का भी समर्थन किया.
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पहले बल्लेबाजी करने का भी पछतावा नहीं है. अगर हमें बाद में बल्लेबाजी करते समय 150 रन के लक्ष्य का पीछा करना होता तब भी यह 10 रन प्रति ओवर से कम नहीं होता जो काफी मुश्किल होता. 163 रन का बचाव करना मुश्किल था. हमारे स्कोर में कुछ रन कम रह गए. अगर हमने 180 या इससे अधिक रन बनाए होते तो हमें बचाव करने के लिये 160-170 रन मिलते और यह बचाव करने के लिये अच्छा स्कोर होता.
कप्तानी के दबाव के संबंध में पूछ गए सवाल पर धोनी ने कहा, ‘‘जब आप भारत के लिए खेलते हो तो हमेशा दबाव होता है. यह खेल का हिस्सा है. मैं आज तक कोई ऐसा मैच नहीं खेला जिसमें दबाव नहीं हो.’