scorecardresearch
 

ईरानी परमाणु समझौता की ये हैं 5 शर्तें, भारत के बेहतर साबित होगी डील

ईरान और विश्व की छह महाशक्तियों के बीच तेहरान के परमाणु कार्यक्रम पर ऐतिहासिक सहमति हुई है. ये सहमति भारत और अन्य तेल आयातकों के लिए भी अच्छी खबर है, जो ईरान से तेल आयात करते हैं.

Advertisement
X

Advertisement
ईरान और विश्व की छह महाशक्तियों के बीच तेहरान के परमाणु कार्यक्रम पर ऐतिहासिक सहमति हुई है. ये सहमति भारत और अन्य तेल आयातकों के लिए भी अच्छी खबर है, जो ईरान से तेल आयात करते हैं.

स्विट्जरलैंड के लुसाने शहर में ईरान तथा दुनिया की छह महाशक्तियों के बीच देर रात तक चली मैराथन वार्ता में व्यापक समझौते की रूपरेखा तैयार करने पर बनी सहमति बनी. इसके बाद राष्ट्रपति बराक ओबामा ने व्हाइट हाउस में कहा, 'यह एक अच्छा समझौता है. एक ऐसा समझौता, जो हमारे मूल उद्देश्यों को पूरा करता है.' उन्होंने कहा, 'अगर इसे पूरी तरह लागू कर दिया जाए तो इससे परमाणु हथियार बनाने की दिशा में बढ़ने वाले ईरान के सभी मार्ग बंद हो जाएंगे और अगर ईरान विश्वासघात करता है तो दुनिया को पता चल जाएगा.'

Advertisement

'गंभीरता से बात नहीं कर रहा था ईरान'
ओबामा ने कहा कि ईरान गंभीरता से बातचीत करने को तैयार नहीं था. इसलिए अमेरिका को विश्व के सबसे कड़े प्रतिबंध लागू करने पर विवश होना पड़ा, जिससे ईरान की अर्थव्यवस्था पर भी प्रभाव पड़ा है. उन्होंने कहा, 'प्रतिबंधों से ईरान के परमाणु कार्यक्रमों पर रोक लगाना संभव नहीं था. लेकिन इन्ही प्रतिबंधों के कारण ईरान वार्ता के लिए राजी हुआ.'

ओबामा ने कहा, 'कई महीनों की कड़ी और सैद्धांतिक कूटनीति के बाद अमेरिका ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, रूस, चीन और यूरोपीय संघ ने अमेरिका के साथ मिलकर इस समझौते की रूपरेखा तैयार करने में सफलता प्राप्त की है.'

समझौते में हैं ये शर्तें
1. ईरान यूरेनियम संवर्धन में लगे अपने मौजूदा सेंट्रीफ्यूज में कटौती करेगा. सेंट्रीफ्यूज में दो-तिहाई कटौती की जाएगी.
2. इस्तेमाल न होने वाले सेंट्रीफ्यूजों को अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) की देखरेख में रखा जाएगा.
3. ईरान के सभी परमाणु केंद्रों का आईएईए नियमित रूप से निरीक्षण करेगा.
4. ईरान अरक में स्थित भारी जल के अपने रियक्टर को दोबारा डिजाइन करेगा ताकि इनसे परमाणु हथियार बनाने लायक सामग्री का उत्पादन न हो सके.
5. भारत वार्षिक आधार पर चीन के बाद ईरान का दूसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है. अमेरिका के दबाव में भारत ने तेहरान से आयात किए जाने वाले तेल की मात्रा में काफी कटौती किया है.

Advertisement

ये दशक में पहली बार भारत ने मार्च में ईरान से तेल का आयात नहीं किया. ईरान पर लगी मौजूदा पाबंदी की वजह से वह प्रतिदिन 10 लाख से 11 लाख बैरल तेल का निर्यात नहीं कर सकता. ईरान के साथ समझौता अभी हुआ नहीं है. राजनयिकों को निर्धारित 30 जून तक अंतिम समझौता करना होगा.

Advertisement
Advertisement