इराक के मोसुल में लापता हुए 39 भारतीय नागरिकों की मौत की पुष्टि हो गई है. मंगलवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में इस बारे में बयान दिया. सुषमा ने कहा कि डीएनए सैंपल की जांच के बाद इस बात की पुष्टि की गई है, जल्द ही उनके शवों को भारत लाया जाएगा. सरकार की तरफ से अभी ये नहीं बताया गया है कि इनकी मौत कब हुई.
लेकिन, अगर पुराने बयानों को खंगाले तो इन 39 भारतीयों में से मनजिंदर की बहन ने बीते वर्ष अक्टूबर में इस बात की जानकारी दी थी कि सरकार की ओर से उनके डीएनए टेस्ट की बात कही गई थी. 21 अक्टूबर, 2017 को मनजिंदर की बहन गुरपिंदर ने न्यूज़ एजेंसी ANI को बताया था कि हम सभी का डीएनए टेस्ट करने की बात कही गई है, कारण नहीं बताया है. हम काफी नर्वस हैं.
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सरकार को अक्टूबर में ही इस बात की आशंका थी कि सभी 39 भारतीयों की मौत हो गई है. इसी कारण उन्होंने अक्टूबर से ही जांच प्रक्रिया को शुरू कर दिया था.
All of us have been asked to undergo DNA test,don't know why.Very nervous:Gurpinder,sister of Manjinder(one of 39 Indians missing in Iraq) pic.twitter.com/YPKlfvPbCq
— ANI (@ANI) October 21, 2017
गौरतलब है कि मंगलवार को विदेश मंत्री ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी तो दी, लेकिन ये नहीं बताया कि आखिर इनकी मौत कब और कैसे हुई. हालांकि, उन्होंने कहा कि इन सभी भारतीयों को ISIS ने ही मारा है.
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परिजनों ने अब क्या कहा?
सुषमा स्वराज के बयान के बाद परिवारवालों के बयान भी आए हैं. कई परिवारवालों का कहना है कि सरकार की ओर से उन्हें लगातार कहा जा रहा था कि वह जिंदा हैं. पंजाब के जालंधर के देविंदर सिंह की पत्नी ने कहा कि उनके पति 2011 में इराक गए थे, 15 जून 2014 को आखिरी बार उन्होंने अपने पति से बात की थी. हमें सरकार की ओर से कहा गया था कि वे जिंदा हैं, हम सरकार से कुछ नहीं चाहते हैं.
My husband went to Iraq in 2011&I spoke to him last on 15 June'14. We were always told us that they were alive. We don't demand anything from the government: Manjeet Kaur wife of Davinder Singh, who was among 39 Indians killed in Iraq's Mosul #Jalandhar pic.twitter.com/Vq983kCkSb
— ANI (@ANI) March 20, 2018
सुषमा ने क्या कहा ?
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बताया कि सभी भारतीयों को ISIS ने मारा था, जिनके बाद शवों को बगदाद भेज दिया गया था. हमने DNA सैंपल के जरिए सभी शवों की जांच करवाई.
उन्होंने बताया कि जो हरजीत मसीह की कहानी थी, वह सच्ची नहीं थी. जो 39 शव मिले हैं, उनमें से 38 के डीएनए मैच कर गए हैं और 39वें की जांच चल रही है. सुषमा ने बताया कि हमने पहाड़ की खुदाई करने के बाद शवों को निकाला था, जनरल वीके सिंह वहां पर गए और सबूतों को खोजने में मेहनत की. उन्होंने बताया कि सबसे पहले संदीप नाम के शख्स का डीएनए मैच किया गया था.
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सुषमा ने बताया कि वीके सिंह इराक जाएंगे, सभी शवों को लाया जाएगा. सबसे पहले जहाज अमृतसर जाएगा और उसके बाद पटना, पश्चिम बंगाल जाएगा. सुषमा ने राज्यसभा में बताया कि डीप पेनिट्रेशन रडार के जरिए बॉडी को देखा गया था, उसके बाद सभी शवों को बाहर निकाला गया. जिसमें कई चिन्ह मिले थे और डीएनए की जांच के बाद पुष्टि हुई है. विदेश मंत्री ने बताया कि 3 वर्षों तक ये तलाश चलती रही.
आजतक ने की थी पड़ताल
पिछले चार वर्षों में ना जाने कितनी बार इन 39 भारतीयों के लिए तलाशी अभियान चलाया गया, लेकिन कभी उनका पता नहीं चल सका. इसके लिए आजतक ने भी अपनी टीम मोसुल भेजी थी. उस वक्त हमारी पूरी तफ्तीश के बाद तय हो गया था कि सभी भारतीय मारे जा चुके हैं. बस उनकी जानकारी के लिए आखिरी भरोसा बचा था, तो सिर्फ डीएनए सैंपल का.