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39 भारतीयों की हत्या का मामला: कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

39 भारतीय के मारे जाने की जानकारी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद में दी थी. सुषमा स्वराज ने बताया कि 'सभी भारतीयों को ISIS ने मारा था, जिनके बाद शवों को बगदाद भेज दिया गया था. हमने DNA सैंपल के जरिए सभी शवों की जांच करवाई.'

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दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट

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इराक के मोसुल में मारे गए 39 भारतीय के मामले में सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह 2014 में कितनी बार इराक गए, इसकी जानकारी दी जाए?

वहीं केंद्र सरकार ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा संसद में दिए गए बयान और प्रेस वार्ता की जानकारी कोर्ट को दी है. दिल्ली हाईकोर्ट अब मामले की अगली सुनवाई 31 मई को करेगा. कोर्ट में दाखिल याचिका में केंद्र सरकार, गृह मंत्रालय और खुफिया विभाग को पक्षकार बनाया गया है. 

सुषमा ने दी थी 39 भारतीयों के मारे जाने की जानकारी

चार साल पहले इराक के मोसुल में लापता हुए 39 भारतीय के मारे जाने की जानकारी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद में दी थी. सुषमा स्वराज ने बताया कि 'सभी भारतीयों को ISIS ने मारा था, जिनके बाद शवों को बगदाद भेज दिया गया था. हमने DNA सैंपल के जरिए सभी शवों की जांच करवाई.'

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सुषमा ने बताया था कि पहाड़ की खुदाई करने के बाद शवों को निकाला गया था, जनरल वीके सिंह वहां पर गए और सबूतों को खोजने में मेहनत की. 

स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने के लिए दाखिल की गई याचिका 

39 भारतीयों की हत्या की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराए जाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. याचिका में यह भी आरोप लगाया गया कि सरकार और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने इस मसले पर देश को गलत जानकारी देकर गुमराह भी किया. पहले उन्होंने मौत न होने की बात कही और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद में खुद इस बात का खुलासा किया कि इन 39 भारतीयों की जून 2014 में मौत हो गई थी. 

याचिका में मामले की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम बनाने, टीम को मामले से संबंधित पूरे दस्तावेज देने और शवों के पोस्टमार्टम कराने की मांग की गई है, ताकि इन भारतीयों की मौत की हकीकत सामने आ सके.

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