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14 साल बाद जेल से रिहा हुईं इरोम चानू शर्मिला

14 साल से जेल में बंद इरोम चानू शर्मिला को अदालत के आदेश के बाद बुधवार को रिहा कर दिया गया.

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इरोम चानू शर्मिला
इरोम चानू शर्मिला

14 साल से जेल में बंद इरोम चानू शर्मिला को अदालत के आदेश के बाद बुधवार को रिहा कर दिया गया.

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देश में लोकतांत्रिक प्रदर्शनकारियों के पक्ष में एक बड़ा फैसला सुनाते हुए इंफाल की एक अदालत ने 14 साल से जेल में बंद इरोम चानू शर्मिला को रिहा करने के आदेश दिए था. मंगलवार को कोर्ट ने उन आरोपों को खारिज कर दिया था, जिसमें कहा गया कि भूख हड़ताल के जरिए इरोम आत्‍महत्‍या करना चाहती हैं.

मंगलवार को इरोम को आत्महत्या के प्रयास के आरोपों से मुक्त करते हुए जज ए गुणेश्वर शर्मा ने कहा कि याचिकाकर्ता की यदि किसी और मामले में जरूरत नहीं है, तो उसे रिहा किया जाए. जज ने कहा कि अभियोजन पक्ष आमरण अनशन करके आत्महत्या करने की उनकी मंशा को साबित करने में विफल रहा है. आइपीसी की धारा 309 के तहत कथित दंडनीय अपराध को साबित करने के लिए सबूतों का अभाव है. इरोम शर्मिला 4 नवंबर 2000 से उपवास पर हैं.

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गौरतलब है कि आत्महत्या का प्रयास करने के आरोप में नागरिक अधिकार कार्यकर्ता इरोम बीते करीब 14 साल से न्‍यायिक हिरासत में थीं. इरोम मणिपुर से सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (एएफएसपीए) वापस लेने की मांग को लेकर उपवास कर रही हैं. इरोम शर्मिला के मुताबिक सुरक्षा बलों द्वारा इस कानून का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है और वे बेवजह किसी भी शख्‍स को गिरफ्तार कर प्रताड़ि‍त करते हैं.

क्या है AFSPA कानून
एएफएसपीए के तहत सुरक्षा बलों को शक होने पर किसी को देखते ही गोली मार देने, बिना वारंट और बिना जांच के किसी को भी गिरफ्तार करने जैसे असीमति अधिकार दिए गए हैं. यह अधिनियम सुरक्षा बलों को इसके तहत की गई किसी भी कार्रवाई के खिलाफ कानूनी प्रकिया से भी बचाता है.

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