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'नरेगा' के कार्यान्‍वयन में अनियमितताएं उजागर

नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक ने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) के कार्यान्‍वयन एवं इसके तहत होने वाले कार्यो की निरीक्षण व्यवस्था में कमी की ओर इशारा किया है.

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नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक ने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) के कार्यान्‍वयन एवं इसके तहत होने वाले कार्यो की निरीक्षण व्यवस्था में कमी की ओर इशारा किया है.

उत्तर प्रदेश में कई अनियमितताएं
उत्तर प्रदेश विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2008 के लिए प्रस्तुत अपने प्रतिवेदन में महालेखा परीक्षक ने मस्टर रोल मे हेराफेरी, बिना दस्तखत के भुगतान, एक ही श्रमिक को उसी दिन एक से अधिक स्थानों पर भुगतान एवं कई मामलों मे मजदूरी भुगतान में तीन दिन से 286 दिनों तक के विलंब सहित अनेक अनियमितताओं की ओर इशारा किया है.

केंद्र की ‘‘फ्लैगशिप’’ परियोजना
महालेखा परीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि योजना के सुचारू संचालन के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक रोजगार सेवक की नियुक्ति की जानी थी, लेकिन दस्तावेजों की जांच से पता चला कि 33 चयनित विकास खण्डों की 2230 ग्राम पंचायतों में से एक तिहाई से अधिक 711 ग्राम पंचायतों में इनकी नियुक्ति नहीं की गयी. नरेगा केंद्र सरकार की ‘‘फ्लैगशिप’’ परियोजना है. प्रतिवेदन में यह भी कहा गया है कि इसी तरह तकनीकी सहायकों की आवश्यक संख्या के विपरीत केवल 68 प्रतिशत की ही नियुक्ति की गयी थी.

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