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क्या मोदी के अगले अभियान का हिस्सा हाथी होगा?

क्या मोदी के अगले अभियान का हिस्सा हाथी होगा? फिलहाल ये सवाल बीएसपी नेता मायावती के मन में जरूर घूम रहा होगा. केंद्र में सत्ता संभालने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नजर पर सबसे पहले 'आप' का झाडू चढ़ा.

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नरेंद्र मोदी, अखिलेश यादव, अरविंद केजरीवाल
नरेंद्र मोदी, अखिलेश यादव, अरविंद केजरीवाल

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क्या मोदी के अगले अभियान का हिस्सा हाथी होगा? फिलहाल ये सवाल बीएसपी नेता मायावती के मन में जरूर घूम रहा होगा. केंद्र में सत्ता संभालने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नजर पर सबसे पहले 'आप' का झाडू चढ़ा. अब प्रधानमंत्री ने लोगों से हफ्ते में एक दिन साइकिल की सवारी की सलाह दी है. साइकिल समाजवादी पार्टी का चुनाव चिह्न है - और मुलायम सिंह यादव इसे अब प्रस्तावित जनता परिवार का सिंबल बनाना चाहते हैं.

साइकिल की सवारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से हफ्ते में एक दिन साइकिल की सवारी की सलाह दी है. पर्यावरण को लेकर दिल्ली में आयोजित एक सम्मेलन में मोदी ने लोगों से अपील की कि वे एक दिन कार छोड़ कर साइकिल का इस्तेमाल करें. वैसे तो प्रधानमंत्री की ये अपील पर्यावरण की सुरक्षा से जुड़ी है, लेकिन इसके राजनीतिक मायने भी हैं. चुनावों से पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने साइकिल से लंबी यात्रा की . इसका मकसद यही था कि लोगों के मन में समाजवादी पार्टी का चुनाव चिह्न ठीक से रजिस्टर हो जाए. इसका उन्हें फायदा भी मिला. चुनावों में जीत के साथ ही समाजवादी पार्टी लंबे अरसे बाद सत्ता पर फिर से काबिज हो गई. मायावती ने तो हाथियों की इतनी मूर्तियां लगवा दीं कि एक बार चुनाव आयोग को उन्हें ढकने का आदेश तक देना पड़ा.

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हर हाथ में झाडू
रविवार को शाहरुख खान ने ट्विटर पर एक तस्वीर पोस्ट की. ये तस्वीर शाहरुख के बेटे अबराम की है, जिसके हाथ में झाडू है. ट्वीट से साफ है कि शाहरुख अभी से बेटे को क्लीन इंडिया, ग्रीन इंडिया का सबक सिखा रहे हैं.

गांधी जयंती पर प्रधानमंत्री मोदी ने देश भर में स्वच्छता अभियान की शुरुआत की. मोदी के झाडू उठाते ही पूरा सरकारी अमला अभियान में कूद पड़ा. तस्वीरों पर गौर करें तो पता चलता है कि कूड़े से कहीं ज्यादा तो झाडू ही नजर आए. बाद में प्रधानमंत्री ने कई शख्सियतों को भी इस अभियान से जोड़ा. पिछले दिल्ली विधान सभा चुनावों में आम आदमी पार्टी ने स्लोगन दिया - अब चलेगी झाडू. इस तरह लोगों के मन में आप का सिंबल बैठ गया. बाद में चर्चा तो यहां तक होने लगी थी कि प्रधानमंत्री ने आप से झाडू को हाइजैक कर लिया है. अगर दिल्ली में इस बार 'आप' की ऐसी जीत न होती तो झाडू का न जाने क्या हाल होता.

महापुरुषों पर दावेदारी
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की विरासत की अब तक सबसे बड़ी दावेदार बहुजन समाज पार्टी रही है. लेकिन इस बार बीजेपी अंबेडकर जयंती बड़े जोर शोर से मनाने जा रही है. इस मौके पर बीजेपी नेता खिचड़ी भोज में शामिल होने जा रहे हैं. बिहार चुनावों को देखते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पटना में कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करेंगे. आम तौर पर देखा गया कि पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हाराव से कांग्रेस दूरी बनाए रखती रही है, लेकिन हैदराबाद में राव के स्मारक में बीजेपी खास रुचि ले रही है - और उसके बाद मोरारजी देसाई को भी खुद से जोड़ने की कोशिश है. कांग्रेस का तो खुलेआम आरोप है कि बीजेपी उसके महापुरुषों पर दावेदारी जताने लगी है.

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प्रधानमंत्री नये आइडियाज के शौकीन हैं. जब उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 'अच्छे दिन... ' स्लोगन पसंद आया तो उन्होंने तुरत उसे उधार ले लिया - और अपने चुनावी अभियान का हिस्सा बना डाला. झाडू को उन्होंने स्वच्छता अभियान से तो साइकिल को पर्यावरण अभियान से जोड़ दिया है. मुमकिन है मायावती की तरह ऐसे ही सवाल लालू यादव के मन में उठें कि कहीं मोदी लालटेन को भी किसी अभियान से न जोड़ दें. ऐसा भी हो सकता है कि किसी दिन शिवसेना के तीर धनुष को आत्मरक्षा के लिए राष्ट्रीय हथियार के तौर पर अपनाने को कहा जाए. जहां पे निगाहें, वहीं पे निशाना.

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