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अरुणाचल: प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने चलाई गोली, 2 की मौत, कई घायल

सोमवार को तवांग शहर में मोनपा कम्युनिटी ऑर्गेनाइजेशन के एक सेक्रेटरी की गिरफ्तारी के विरोध में हो रहे प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई जबकि दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए.

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कभी उगते सूरज की धरती कहा जाने वाले अरुणाचल प्रदेश हालिया समय में बढ़ते भ्रष्टाचार की धरती के रूप में बदलता जा रहा है. प्रदेश की खूबसूरत को विरोध-प्रदर्शन और गोलियों की आवाज बदरंग कर रही है.

सोमवार को तवांग शहर में मोनपा कम्युनिटी ऑर्गेनाइजेशन के एक सेक्रेटरी की गिरफ्तारी के विरोध में हो रहे प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई जबकि दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए.

जवाबदेही तय करने की मांग
लामा लोसैंग ग्याटो तवांग क्षेत्र में मोनपा कम्युनिटी के सेव मॉन रीजन फेडेरेशन (SMRF) के सेक्रेटरी हैं. यह संगठन इस क्षेत्र में सामाजिक-सांस्कृतिक और पारिस्थितिक रूप से विकास की वकालत करता है. संगठन ने लगातार हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट का विरोध करता रहा है साथ ही सरकार की योजनाओं और विकास कार्यों में जवाबदेही तय करने की भी मांग करता रहा है. संगठन ने भ्रष्टाचार उजागर करने को लेकर भी मुहिम शुरू की है.

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26 अप्रैल को पहली बार हुई गिरफ्तारी
SMRF की अपील पर एनजीटी ने 7 अप्रैल को 780 मेगावाट वाले न्यामजंग छू प्रोजेक्ट को दिया गया पर्यावरण क्लीयरेंस कैंसिल कर दिया. इसके साथ ही NGT ने इस मामले में ताजा समीक्षा रिपोर्ट तलब की है, क्योंकि गांव के लोग इस प्रोजेक्ट का लगातार विरोध करते आ रहे हैं. लोगों के समर्थन में SMRF भी उतरा, जिसके बाद 26 अप्रैल को पहली बार ग्याटो को गिरफ्तार किया गया.

विधायक के सुरक्षा अधिकारी ने की थी शिकायत
ग्याटो पर आरोप था कि उन्होंने गैरकानूनी रूप से भीड़ की अगुवाई की जो पावर प्रोजेक्ट का विरोध कर रही थी. SMRF ने क्षेत्र में तमाम प्रोजेक्ट के नाम पर रही धांधली का विरोध किया है. ग्याटो के खिलाफ स्थानीय विधायक पेमा खांडू के निजी सुरक्षा अधिकारी ने एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया. हालांकि बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया.

फिर हो गई ग्याटो की गिरफ्तारी
28 अप्रैल को ग्याटो को तवांग मॉन्टेसरी के गुरु रिंपोचे की आलोचना करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया. जिसके विरोध में सोमवार को स्थानीय लोगों और उनके समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन या आंसू गैस के गोले छोड़ने के बजाय सीधे फायरिंग कर दी, जिससे अफरातफरी मच गई.

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