प्रधानमंत्री ने भले ही बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारणी बैठक में पार्टी नेताओं से अपने रिश्तोंदारों को टिकट दिलवाने के लिए दवाब ना बनाने की बात कही हो लेकिन बड़े बीजेपी नेता अपने कद का इस्तमाल कर रिश्तेदारों को राजनीति में उतारने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते हैं.
ताजा मामला मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे का है. शिवराज सिंह चौहान बेहद सधे कदमों से अपने बेटे कार्तिकेय को राजनीति में लाने की तैयारी कर रहे हैं. इसका उदाहरण बुधनी में एक कार्यक्रम में देखने को मिला जहां कानून में स्नातक उनके बेटे को चीफ गेस्ट के तौर पर बुलाया गया. आपको बता दें कि शिवराज सिंह चौहान बुधनी से ही चुनाव जीतकर मुख्यमंत्री बने हैं.
दरअसल बुधनी में एक इंटर स्कूल स्पोर्ट्स मीट का आयजोन किया गया था जिसमें 'कुंवर कार्तिकेय सिंह चौहान' को पुरस्कार वितरण के लिए मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया गया. आयोजन में करीब 150 से ज्यादा स्कूलों ने भाग लिया. आयोजकों ने कार्तिकेय के 'जनप्रचलित' पिता और माता के वारिस के तौर पर कार्यक्रम में बुलाया गया.
हालांकि कार्यक्रम में बोलते हुए कार्तिकेय ने कहा कि उन्होंने कानून की पढ़ाई इसलिए की ताकि इसके जरिए वो जनता के बीच काम कर सकें. बीस मिनट की स्पीच में कार्तिकेय ने नर्मदा यात्रा पर काफी बात की. नर्मदा यात्रा मुख्यमंत्री शिवराज की चौहान की ओर से राज्य में चलाई जा रही एक बड़ी परियोजना है. कार्तिकेय ने कहा कि नर्मदा हम सब के लिए आस्था का विषय है और इसी वजह से इसकी सफाई हम सबकी जिम्मेदारी है.
कुछ दिनों में बाद मध्य प्रदेश की राजनीति में आने के सवाल को कार्तिकेय भले ही टाल गए हों लेकिन कार्यक्रम में उनका मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होना बीजेपी के अंदर ही कई लोगों को चौंका रहा है. आजतक से बातचीत में बीजेपी के एक नेता ने कहा कि कार्तिकेय में तीन बार के मुख्यमंत्री का बेटा होने के अलावा कोई काबलियत नहीं है. साथ ही शिवराज सिंह चौहान इसके जरिए अपने बेटे को राजनीति में उतारने की तैयारी कर रहे हैं.
गौरतलब है कि पिछले दिनों ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखनऊ में रैली के दौरान यूपी में वंशवाद की राजनीति करने वालों पर कड़ा हमला बोला था.