राजनीति में दुश्मन कभी भी दोस्त बन सकते हैं और दोस्त कभी भी दुश्मन. एनडीए का साथ छोड़ने के बाद एक समय कांग्रेस के प्रति नरम रुख रखने वाले जेडीयू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के तेवर इस पार्टी को लेकर तल्ख होते नजर आ रहे हैं. साथ ही नीतीश ने इशारों में कहा कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव में लोकजनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के साथ गठबंधन बना सकती है.
पासवान के 'पास' जाएंगे नीतीश!
एलजेपी से हाथ मिलाने के सवाल पर नीतीश ने कहा, 'राजनीति को संभावना का खेल है. लेकिन अभी इस संदर्भ में कोई बात नहीं हुई है.' गौरतलब है कि एलजेपी के रामविलास पासवान और लालू प्रसाद यादव की दोस्ती के बीच खटास पड़ने की खबरें आई हैं. आरजेडी और एलजेपी गठबंधन टूटने के आसार हैं. आरजेडी ज्यादा सीट न देने पर अड़ी हुई है और इसी अड़ियल रवैये को लेकर एलजेपी गठबंधन तोड़ना चाहती है.
कांग्रेस को लिया आड़े हाथ...
नीतीश कुमार दिल्ली से लौटने के बाद कहा कि राजनीतिक कारणों से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिल रहा है. नीतीश कुमार ने कहा कि पहले केंद्र सरकार ने इसमें थोडी दिलचस्पी दिखाई थी लेकिन बाद में अपने गठबंधन के साथियों के इशारे पर इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. उन्होंने इस मामले में लालू प्रसाद यादव का नाम लिए बगैर कहा कि कुछ 'महानुभाव' इस प्रयास को रोकने में लग गए हैं. जिसका नुकसान कांग्रेस को उठाना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि विशेष राज्य का दर्जा उनका प्रमुख चुनावी मुद्दा होगा.