कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के छुट्टी पर जाने को लेकर विवाद शुरू हो गया है. इस मामले में मंगलवार को जब पार्टी अध्यक्ष और राहुल गांधी की मां सोनिया गांधी से पूछा गया कि क्या राहुल पार्टी से नाखुश हैं तो उन्होंने इसका जवाब दिया, 'मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगी.' वहीं कांग्रेस के बाकी नेता भी राहुल की छुट्टी के बचाव में उतर आए हैं.
इस लिस्ट में सबसे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह हैं. उन्होंने राहुल गांधी की छुट्टी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'राहुल को चिंतन का अधिकार है, लेकिन जो वक्त उन्होंने चुना वो उचित नहीं है. मेरी जानकारी के मुताबिक राहुल विदेश में नहीं हैं. हम सबकी यही मांग है कि राहुल अध्यक्ष बनें और जैसे चाहे अपनी टीम बनाएं.' वहीं कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा, 'राहुल गांधी नाराज नहीं हैं और न ही किसी से दुखी हैं. वो कुछ दिनों से बहुत व्यस्त चल रहे थे और अगर ऐसे में उन्होंने अपने लिए थोड़ा समय निकाला है तो मीडिया इसे इतना तवज्जों क्यों दे रही है. वो किसी से नाराज नहीं हैं.'
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा, 'एक अहम सत्र में अगर हमारा नेता गायब रहे तो सवाल खड़े होते हैं. लेकिन ये भी सच है कि पार्टी मुश्किल घड़ी में है तो अगर उन्हें अलग समय चाहिए तो उसका सम्मान करना चाहिए.'
'सामना' में उड़ा राहुल गांधी का मजाक
मुंबई में शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में राहुल गांधी पर निशाना साधा और कहा, 'राहुल गांधी के छुट्टी पर जाने से न ही देश को फर्क पड़ेगा और न ही कांग्रेस को.'
'सामना' में शिवसेना ने कहा, 'कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी ने पार्टी से छुट्टी पर जाने की इजाजत मांगी है और पार्टी ने दे भी दी है, जिसके चलते राहुल बजट सत्र में शामिल नहीं रहेंगे.' शिवसेना ने कहा, 'यानी संसद के अंदर राहुल बोले या न बोले, जनता को कोई फर्क नहीं पड़ेगा और न ही कांग्रेस को.'
राहुल गांधी पर चुटकी लेते हुए शिवसेना ने कहा, 'राहुल जब भी बोलते हैं, कांग्रेस को नुकसान ही हुआ है.' राहुल गांधी के राजनीतिक भविष्य पर टिप्पणी करते हुए शिवसेना ने कहा, 'एक बात स्पष्ट है कि कांग्रेस के भावी अध्यक्ष राहुल गांधी को कांग्रेस की, देश की, संसदीय कामकाज और खुद के राजनीतिक भविष्य की कोई परवाह नहीं है.'
राहुल की योजनाओं या फिलहाल वह कहां हैं, इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है और कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या उन्हें राजनीति से दूर रखने का यह प्रयास है. दरअसल, विधानसभा चुनावों में पार्टी का पूरी तरह सफाया होने के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ‘कुछ हफ्ते के लिए’ छुट्टी पर चले गए हैं, जिससे उनके भविष्य की योजनाओं को लेकर कयास लगाने का सिलसिला शुरू हो गया है.
पार्टी सूत्रों ने बताया, ‘राहुल को कुछ दिनों की छुट्टी दी गई है, जिसके बाद वह लौटेंगे और कांग्रेस पार्टी के मामलों में सक्रिय रूप से हिस्सा लेंगे.' उन्होंने बताया कि राहुल ने ‘कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से आग्रह किया था कि उन्हें वर्तमान घटनाओं और पार्टी के आगामी कदम पर चिंतन के लिए कुछ वक्त दिया जाए.'