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महाशिवरात्रि पर परमात्मा के साथ एक जोशीली रात

ईशा फाउंडेशन ने 10 मार्च को वेल्लियांगिरी पहाड़ों की तलहटी में ईशा योग केंद्र में महाशिवरात्रि की पवित्र रात मनाई. दुनिया के सभी भागों से 8 लाख से अधिक लोगों ने केंद्र में सद्गुरु के साथ देर रात सत्संग में भाग लिया.

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ईशा फाउंडेशन ने 10 मार्च को वेल्लियांगिरी पहाड़ों की तलहटी में ईशा योग केंद्र में महाशिवरात्रि की पवित्र रात मनाई. दुनिया के सभी भागों से 8 लाख से अधिक लोगों ने केंद्र में सद्गुरु के साथ देर रात सत्संग में भाग लिया.

सद्गुरु के प्रवचन और शक्तिशाली ध्यान के साथ रघु दीक्षित ने अपने लोकप्रिय लोक रॉक बैंड रघु दीक्षित परियोजना, अनीता रत्नम, शास्त्रीय और समकालीन नृत्यांगना और कोरियोग्राफर और पद्म अरुणा साईराम, प्रख्यात कर्नाटक गाइका द्वारा संगीत का प्रदर्शन हुआ. समारोह शाम में 5.40 बजे ध्यानलिंग यौगिक मंदिर में शुरू हुआ जब सद्गुरु ने पंच भूत आराधना का प्रदर्शन किया.

एक अद्वितीय अवसर जो शरीर के पांच तत्वों को साफ करने के लिए व स्वास्थ्य और भलाई के लिए होता है. उत्सव मैदान में उत्सव जप के साथ शुरू हुआ जिसके बाद सद्गुरु ने कई आध्यात्मिक प्रक्रियाओं के माध्यम से दर्शकों का नेतृत्व किया.

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आधी रात में सद्गुरु ने एक बहुत शक्तिशाली ध्यान शुरू किया जो रात की सबसे महत्वपूर्ण घटना थी. ध्यान और प्रवचन के बीच, सांस्कृतिक और संगीत प्रदर्शन आयोजित किया गया. अन्नदानम (भोजन की मुफ्त पेशकश) इस शुभ रात को सैकड़ों लोगों के लिए किया गया था. समारोह 6 बजे सुबह में सद्गुरु द्वारा एक ध्यान के साथ समाप्त हुआ.

महाशिवरात्रि एक सबसे बड़ी और भारत की पवित्र त्योहार रातों में सबसे महत्वपूर्ण है. साल के इस सबसे अंधेरी रात पर शिव की कृपा को मनाया जाता है जो आदि गुरु के रूप में जाने जाते हैं और जिनसे योग परंपरा की उत्पत्ति हुई है.

इस रात को ग्रहों की स्थिति ऐसी है कि वहां मानव प्रणाली में एक शक्तिशाली ऊर्जा कि प्राकृतिक लहर है. रात भर एक अवगत व ऊर्ध्वाधर स्थिति में जागते रहना शारीरिक और आध्यात्मिक भलाई के लिए काफी फायदेमंद है. इस कारण के लिए यह योग परंपरा में कहा जाता है कि एक व्यक्ति को महाशिवरात्रि की रात को सोना नहीं चाहिए.

जो लोग ईशा योग केन्द्र नहीं आ सके, महाशिवरात्रि समारोह का सीधा प्रसारण 30 लाख लोगों के लिए आस्था चैनल, जया प्लस और polimer टीवी पर किया गया. ईशा फाउंडेशन ने लाइव वेबकास्ट का आयोजन भी किया. इस रात को भारत में और दुनिया भर के 150 से अधिक केन्द्रों पर मनाया गया.

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