इशरत जहां मुठभेड़ मामले में सीबीआई, आईबी और एनआईए जैसी देश की शीर्ष जांच एजेंसियों के बीच मतभेद संबंधी कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के बयान पर बीजेपी ने कहा कि गृह मंत्रालय को वाकई इस बारे में सफाई देने की जरूरत है.
पार्टी की प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने कहा कि विवादों पर दिग्भ्रमित करने में माहिर दिग्विजय ने हालांकि उक्त बयान भी मामले को नया पेच देने के इरादे से दिया है, लेकिन बीजेपी भी चाहती है कि केन्द्रीय जांच ब्यूरो, खुफिया ब्यूरो और राष्ट्रीय जांच एजेंसी के बीच इशरत जहां मामले को लेकर जो परस्पर विरोधी रुख है उसे स्पष्ट किया जाए. उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय को इस बात का भी स्पष्टीकरण देना चाहिए कि इशरत जहां मामले में 2007 के हलफनामे को 2009 में क्यों और किसके कहने पर बदला गया.
सीतारमण ने कहा कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली बहुत पहले कह चुके हैं कि गृह मंत्रालय, खुफिया ब्यूरो, एनआईए और सीबीआई जैसी सुरक्षा एजेंसियों को लेकर ‘विश्वास की कमी’ का माहौल व्याप्त है, क्योंकि इनका कांग्रेस राजनीति के लिए इस्तेमाल करती है.
उन्होंने आरोप लगाया कि इशरत जहां मामले में भी गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी और वहां के पूर्व गृह राज्य मंत्री अमित शाह के खिलाफ झूठा प्रचार चलाने के लिए कांग्रेस सीबीआई का दुरुपयोग कर रही है. उन्होंने कहा, ‘इस मामले में राजनीति एक मुख्य वजह है.’
बीजेपी ने मांग की कि गृह मंत्रालय इस बात का भी स्पष्टीकरण दे कि क्या एनआईए की रिपोर्ट में से उस पैरा को हटाया गया है जिसमें कहा गया था कि मुंबई आतंकी हमले के षडयंत्रकारी और लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेटिव डेविड हेडली ने इस बात की पुष्टि की थी कि इशरत जहां भी इस संगठन की ऑपरेटिव थी. बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, ‘इशरत जहां मामले में सीबीआई के आरोप पत्र में जवाब मिलने से अधिक सवाल खड़े हुए हैं. क्या यह गृह मंत्रालय द्वारा सीबीआई को दी गई जानकारियों पर आधारित है या जांच एजेंसी की खोज में एकत्र हुए साक्ष्यों पर? या क्या सीबीआई साक्ष्य तो जुटा रही है लेकिन आरोप पत्र गृह मंत्रालय की ओर से दी गई बातों पर कर रही है?’ उन्होंने कहा कि नियमों के अनुसार आईबी एकत्र सूचनाओं को प्रधानमंत्री कार्यालय से साझा करती है. अगर उसने इशरत जहां संबंधी सूचनाओं को प्रधानमंत्री कार्यालय से साझा किया है तो पीएमओ की चुप्पी मामले को सुलझाने में मददगार नहीं होगी.
दिग्विजय सिंह ने इशरत जहां के कथित तौर पर आतंकवादियों से संबंध को लेकर उठे विवाद को राजनीतिक मोड़ देते हुए गृह मंत्रालय से यह साफ करने को कहा कि क्या उसके तार पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े थे.
कांग्रेस महासचिव ने गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे से मुलाकात की और बाद में संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने मंत्रालय से इस बारे में स्थिति स्पष्ट करने को कहा है कि क्या 26-11 के आतंकवादी हमले के आरोपी डेविड हेडली ने कहा था कि इशरत के तार आतंकवादियों से जुड़े थे. इशरत नौ साल पहले गुजरात में कथित फर्जी मुठभेड़ में मारी गयी थी. उन्होंने कहा कि एनआईए, आईबी और सीबीआई ने इस मुद्दे पर अलग-अलग बयान दिये हैं. सिंह ने कहा, ‘एनआईए कुछ कह रही है, आईबी कुछ कह रही है और सीबीआई कुछ और कह रही है. इस बात पर स्पष्टता होनी चाहिए कि ये सरकारी एजेंसियां क्या कह रहीं हैं.’