मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के बाहर निकल कर बीजेपी का परचम फहराने की तैयारी में जुटे हैं. प्रचार समिति की कमान मिलने के साथ ही मोदी की मुहिम भी शुरू हो गई है, लेकिन इशरत जहां एनकाउंटर मामले में सीबीआई के अगले कदम से उनकी परेशानी बढ़ सकती है.
सूत्रों के मुताबिक सीबीआई इशरत जहां एनकाउंटर मामले में 4 जुलाई तक चार्जशीट दायर करेगी. माना जा रहा है कि इस चार्जशीट में कई ऐसी बातें होगीं जो नरेंद्र मोदी की मुसीबत बढ़ा सकती हैं. सीबीआई सूत्रों की मानें तो इसमें मोदी का भी नाम आ सकता है. साथ ही उनके दाहिने हाथ कहे जाने वाले अमित शाह का भी इसमे फंसना तय माना जा रहा है.
सूत्रों के मुताबिक सीबीआई ने कुछ पुलिसवालों के बयान 164 के तहत दर्ज किए हैं. बयान देने वाले पुलिसवालों का दावा है कि उन्होंने तत्कालीन डीआईजी डी जी बंजारा और आईबी के मौजूदा डायरेक्टर राजेंद्र कुमार के बीच की बातचीत सुनी थी. बयान में यह दावा किया गया है कि बंजारा और राजेंद्र कुमार के बीच इशरत एनकाउंटर को लेकर ही बातचीत हो रही थी. इसमें कहा जा रहा था कि काली दाढ़ी और सफेद दाढ़ी से बात हो गई है. उन लोगों ने इस काम के लिए इजाजत दे दी है.
उधर, सीबीआई को लेकर बीजेपी ने भी अपना रुख आक्रामक कर दिया है. राज्य बीजेपी के नेता मोदी के बचाव में उतर आए हैं. उनका कहना है कि अदालत में सच सामने आ जएगा. जाहिर है इस खबर के बाद राजनीति गरमा गई है. गुजरात कांग्रेस की ओर से बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. कांग्रेस का कहना है कि कानून अपना काम कर रही है.
हालांकि अब देखना यह है कि इतने पुराने मामले में सीबीआई कैसे सबूत पेश कर पाएगी. इससे पहले नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार को चुनौती देते हुए कहा था कि उन्हें सीबीआई का डर दिखाने की जरूरत नहीं है क्योंकि वे जांच एजेंसी से डरते नहीं है.
गौरतलब है कि 15 जून 2004 को अहमदाबाद में इशरत जहां, जावेद शेख, अमजद अली राणा और जीशान को पुलिस ने फर्जी मुठभेड़ में मार गिराया था.
उधर, गुजरात का एक प्रतिनिधिमंडल इशरत जहां मामले में आज राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात करने वाला है. इस प्रतिनिधिमंडल में अर्जुन मोढवाडिया, शंकर सिंह वाघेला और अहमद पटेल शामिल हैं.