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इशरत केसः IB के रिटायर्ड अफसर का आरोप- UPA सरकार ने बदलवाई खुफिया रिपोर्ट

इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ केस में आईबी के रिटायर्ड स्पेशल डायरेक्टर ने बड़ा आरोप लगाया है. उनका आरोप है कि तत्कालीन यूपीए सरकार को इशरत जहां के लश्कर कनेक्शन के बारे में सब कुछ मालूम था.

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आईबी के पूर्व स्पेशल डायरेक्टर राजेंद्र कुमार
आईबी के पूर्व स्पेशल डायरेक्टर राजेंद्र कुमार

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इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ केस में आईबी के पूर्व अफसर ने तत्कालीन यूपीए सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. आईबी के पूर्व स्पेशल डायरेक्टर राजेंद्र कुमार ने कहा है कि यूपीए सरकार को इशरत के लश्कर कनेक्शन की पूरी जानकारी थी. लेकिन पद का लालच देकर सरकार ने खुफिया रिपोर्ट दबाने की कोशिश की.

मुठभेड़ से IB का लेना-देना नहीं
राजेंद्र कुमार ने बताया कि आईबी का काम पुलिस को इनपुट देना है. हमने जो भी सूचनाएं जुटाई थी सब पुलिस को दे दी थी. मुठभेड़ से हमारा कोई लेना-देना नहीं है. मैंने तब लिखा था कि वे लोग गुजरात सहित भारत के कई हिस्सों में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिश कर रहे हैं.

बदला गया हलफनामा
राजेंद्र कुमार ने बताया कि उन्होंने एक हलफनामा भी दिया था, जिस पर मुकेश मित्तल के हस्ताक्षर थे. लेकिन यह हलफनामा सुधारा गया और इसमें कुछ संशोधन कर दूसरा हलफनामा दिया गया. जदो हलफनामों पर पी. चिदंबरम ने हस्ताक्षर किए. इसमें साजिश है. पूरे सिस्टम का गलत इस्तेमाल हुआ है.

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चिदंबरम ने क्यों किए हस्ताक्षर
राजेंद्र कुमार ने सवाल उठाया कि चिदंबरम को अप्रूवर किसने बनाया? यह बताता है कि इसमें वह सब लिखा गया, जो वे चाहते थे. सुशील कुमार शिंदे नहीं चाहते थे कि इसमें उनका नाम आए. हर कोई जानता था कि यह कोई एनकाउंटर नहीं, बल्कि एंटी टेररिस्ट काउंटर है.

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