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इशरत मामले में आरोपी आईपीएस पीपी पांडे की तलाश में जुटी गुजरात पुलिस

गुजरात के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने सभी जिला पुलिस अधीक्षकों और शहर पुलिस आयुक्तों से अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (अपराध) पीपी पांडे का पता लगाने में सीबीआई की मदद करने को कहा है. पांडे का नाम 2004 के इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में मुख्य आरोपियों में से एक के रूप में आया है और स्थानीय अदालत ने उन्हें भगोड़ा घोषित किया है.

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पीपी पांडे
पीपी पांडे

गुजरात के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने सभी जिला पुलिस अधीक्षकों और शहर पुलिस आयुक्तों से अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (अपराध) पीपी पांडे का पता लगाने में सीबीआई की मदद करने को कहा है. पांडे का नाम 2004 के इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में मुख्य आरोपियों में से एक के रूप में आया है और स्थानीय अदालत ने उन्हें भगोड़ा घोषित किया है.

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राज्य के पुलिस प्रमुख अमिताभ पाठक ने बताया, ‘सीबीआई ने अचानक लापता हुए पीपी पांडे का पता लगाने के लिए दो दिन पहले हमसे आग्रह किया. परिणामस्वरूप हमने सभी जिला पुलिस अधीक्षकों और पुलिस आयुक्तों को पत्र भेजे और उनका (पांडे) पता लगाने के लिए सतर्क रहने को कहा है.’ सभी जिला एवं शहर पुलिस प्रमुखों को लिखे पत्र में डीजीपी ने उन्हें सभी जगहों पर सतर्कता बढ़ाने और पांडे के दिखने पर कानून के अनुसार कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. पांडे इस साल के अप्रैल महीने से फरार हैं और सीबीआई की एक अदालत उन्हें भगोड़ा भी घोषित कर चुकी है.

वह 29 जुलाई को निचली अदालत के समक्ष तब पेश हुए थे जब सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने के उनके आग्रह को खारिज करते हुए उन्हें संबंधित अदालत के सामने पेश होने के निर्देश दिए थे.

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पांडे एक स्थानीय निजी अस्पताल से सीधे, एक स्ट्रेचर पर अदालत के समक्ष पेश हुए थे जहां वह सीने में दर्द और अन्य समस्याओं की शिकायत के बाद भर्ती हुए थे.

कुछ दिन तक वह व्हीलचेयर पर अदालत आए, लेकिन निचली अदालत में व्यक्तिगत पेशी से छूट नहीं मिलने तथा यहां की सीबीआई अदालत द्वारा बुधवार को अग्रिम जमानत के लिए दायर उनकी याचिका खारिज कर दिए जाने के बाद वह अचानक लापता हो गए. गत गुरूवार को सीबीआई अदालत के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पांडे की गिरफ्तारी के लिए गैर जमानती वारंट जारी किया था. उच्च न्यायालय ने भी उनकी याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने अग्रिम जमानत नहीं दिए जाने के सीबीआई अदालत के आदेश को चुनौती दी थी.

पांडे ने तब सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई. शीर्ष अदालत की एक खंडपीठ हालांकि, सोमवार को आ रही उनकी अपील पर सुनवाई करने पर सहमत हो गई थी लेकिन उसने उन्हें अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था.

गुजरात पुलिस ने इशरत, जावेद शेख उर्फ प्रणेश पिल्लै, अमजद अली राणा और जीशान जौहर को 15 जून 2004 को कथित मुठभेड़ में मार दिया था. उस समय पांडे अहमदाबाद के संयुक्त पुलिस आयुक्त के रूप में अपराध शाखा का नेतृत्व कर रहे थे. वह 1982 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं.

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पुलिस ने तब दावा किया था कि चारों आतंकवादी थे और वे गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या के मिशन पर थे. हालांकि, सीबीआई द्वारा पिछले महीने दायर किए गए आरोपपत्र के अनुसार गुजरात पुलिस और गुप्तचर ब्यूरो द्वारा संयुक्त रूप से अंजाम दी गई मुठभेड़ फर्जी थी.

मामले में पांडे सहित गुजरात पुलिस के सात कर्मियों के नाम आरोपी के रूप में लिए गए हैं जिन पर हत्या, आपराधिक साजिश तथा अन्य आरोप लगाए गए हैं.

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