अहमदाबाद की एक अदालत ने निलंबित आईपीएस अधिकारी डी जी वंजारा को इशरत जहां मुठभेड़ मामले में 10 जून तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया.
मजिस्ट्रेट एस एच खुतवाद ने वंजारा को 10 जून तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया. हालांकि, जांच अधिकारी पुलिस उपाधीक्षक जी कलाईमणि ने 14 दिन का रिमांड मांगा था. वंजारा को मुंबई से अहमदाबाद की साबरमती जेल में स्थानांतरित किए जाने के बाद मंगलवार सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. वह साल 2005 के सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में एक आरोपी के तौर पर मुंबई जेल में थे. वह तुलसी प्रजापति मुठभेड़ मामले में भी आरोपी हैं.
सीबीआई के वकील टी के श्रीवास्तव ने दलील दी कि एजेंसी को उनसे पूछताछ करने की आवश्यकता है ताकि सूचना प्रदान करने वाली खुफिया एजेंसी की भूमिका का पता लगाया जा सके, जिसके आधार पर गुजरात पुलिस ने दावा किया था कि उसने समय पर कार्रवाई की थी.
श्रीवास्तव ने कहा, ‘सीबीआई मुठभेड़ के दौरान इस्तेमाल किए गए हथियार को बरामद करने के लिए उनकी हिरासत चाहती है.’ इशरत जहां, जावेद शेख उर्फ प्राणेश पिल्लै और कथित पाकिस्तानी नागरिकों जीशान जौहर और अमजद अली राणा शहर के बाहरी हिस्से में 15 जून 2004 को मुठभेड़ में मारे गए थे.
गुजरात पुलिस ने दावा किया था कि वे मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या करने की साजिश का हिस्सा थे. इशरत की मां की याचिका के बाद गुजरात उच्च न्यायालय ने एक विशेष जांच दल का गठन किया, जिसने कहा था कि मुठभेड़ फर्जी थी.