आतंकी संगठन ISIS के प्रसार और बीते कुछ समय से जिहादी गतिविधियों में हुई बढ़ोतरी को देखते हुए असम पुलिस के माथे पर सिकन की लकीरें उभर आई हैं. राज्य के डीजीपी खगेन शर्मा ने इस ओर अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि प्रदेश में आईएस के प्रति लोगों में बढ़ती रुचि को लेकर वो अलर्ट हैं, लेकिन साथ ही चिंतित भी.
मंगलवार को असम पुलिस हेडक्वार्टर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए शर्मा ने कहा, 'अभी तक असम से किसी ने आईएसआईएस ज्वॉइन नहीं किया, लेकिन लोगों में आतंकी संगठन के प्रति रुचि बढ़ी है. हम अलर्ट हैं, लेकिन इस ओर चिंतित भी हैं.'
डीजीपी ने आगे कहा, 'बहुत से लोगों ने ISIS के वेबसाइट को देखा है और जिस तरह उस पर समय बिताया गया है, जाहिर है कि मामला संगठन के बारे में जिज्ञासा से कहीं ज्यादा है. जम्मू-कश्मीर और आंध्र प्रदेश के बाद इस ओर असम के लोगों की दिलचस्पी सबसे अधिक देखी गई है.'
NTRO कर रही है निगरानी
खगेन शर्मा ने कहा कि असम पुलिस के पास इस ओर निगरानी के लिए संसाधन और तकनीक की कमी है, लेकिन बावजूद इसके पुलिस पूरी सतर्कता बरत रही है. उन्होंने बताया कि नेशनल टेक्नीकल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (NTRO) इस ओर पैनी नजर बनाए हुए है.
'हिंदू और मुस्लिम कट्टरपंथियों से है खतरा'
डीजीपी असम ने बताया कि राज्य को हिंदू और मुस्लिम कट्टरपंथियों से खतरा है, हालांकि अभी सिर्फ मुस्लिम कट्टरपंथी ताकतें ही सक्रिय हैं. खगेन शर्मा ने बताया कि हाल ही उनकी पुलिस ने बांग्लादेश के आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिद्दीन के 26 सदस्यों को गिरफ्तार किया. इसके अलावा हरकत-उल-जिहाद-अल-इस्लाम के सदस्यों को भी बीते दिनों असम में गिरफ्तार किया गया.