आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) के संदिग्ध सदस्य अरीब मजीद ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारियों से कहा कि आईएसआईएस कोई जेहाद नहीं कर रहा है, उसके लड़ाके तो महिलाओं का बलात्कार कर रहे हैं.
रविवार को एनआईए ने अरीब से कई घंटे पूछताछ की, जिसमें उसने कई हैरान करने वाले खुलासे भी किए हैं. अरीब ने एनआईए को बताया कि भारत में कुछ लोग आईएसआईएस में युवाओं को शामिल कराने के लिए काम कर रहे हैं. उसने उन लोगों के भी नाम बताए हैं, जिन्होंने उसे और उसके तीन दोस्तों को इराक भेजने में मदद की थी.
अरीब मजीद से एनआईए ने यह भी पूछा कि उसने कितने महीने तक जंग में हिस्सा लिया. इस सवाल के जवाब में उसने कहा कि आईएसआईएस ने उसे दरकिनार कर दिया था. अरीब ने बताया कि उससे शौचालय साफ करने या सुरक्षाबलों से लड़ रहे लड़ाकों के लिए पानी का इंतजाम करने को कहा जाता था. उसने कई बार जंग में जाने की गुजारिश की, लेकिन उसे लड़ने नहीं भेजा गया.
अरीब ने बताया कि जेहाद का इरादा उस वक्त कमजोर पड़ गया था, जब उसे गोली लगी. जख्मी होने के बावजूद तीन दिन तक उसका इलाज नहीं कराया गया. जब उसकी हालत ज्यादा बिगड़ने लगी तो उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी हालत में सुधार नहीं आया. इसके बाद उसने इराक छोड़ा और अपने घरवालों को फोन कर मदद मांगी और फिर भारतीय दूतावास की मदद से उसे स्वदेश लाया गया.
गौरतलब है कि इस साल मई में मुंबई के कल्याण से चार लड़के- अरीब मजीद, शाहीन, फहाद शेख और अमर टंडेल जियारत के वीजा पर भारत से गए थे, लेकिन उसका मकसद आईएसआईएस में शामिल होना था.