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भारत में बने कलपुर्जे ISIS के हाथ लगे, धमाके में हुआ इस्तेमाल

आतंकी संगठन आईएसआईएस ने घातक आईईडी बनाने के लिए भारतीय कंपनियों के कलपुर्जे का इस्तेमाल किया था.

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आंतकियों ने आईईडी बनाने में कलपुर्जे का इस्तेमाल किया
आंतकियों ने आईईडी बनाने में कलपुर्जे का इस्तेमाल किया

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आतंकी संगठन आईएसआईएस ने घातक आईईडी बनाने के लिए भारतीय कंपनियों के कलपुर्जे का इस्तेमाल किया था. आईएसआईएस के सरगना बगदादी ने भारत की सात कंपनियों के कलपुर्जों का उपयोग विस्फोटक बनाने में किया था. इसका खुलासा स्वतंत्र समूह ‘कानफलिक्ट आर्मामेंट रिसर्च’ की एक जांच रिपोर्ट में हुई है.

लोकसभा में उठा मामला
इसको लेकर मामला लोकसभा में भी उठा. जिसका जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री हरिभाई पारथीभाई चौधरी ने कहा कि सीएआर ने अपनी रिपोर्ट में ऐसे जिन सभी कलपुर्जे का जिक्र किया है उसे भारत ने लेबनान और तुर्की जैसे देशों को निर्यात किया था और पूरा व्यापार कानूनी दायरे में हुआ था. उन्होंने कहा कि आतंकियों के हाथ इस तरह से उपकरण लगना चिंता का विषय है. लेकिन भारत ने सीधे तौर पर ये उपकरण आतंकियों को नहीं दिया.

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आतंकियों के हाथ लगे कलपुर्जे चिंता का विषय
‘कानफलिक्ट आर्मामेंट रिसर्च’ के बारे में बताते हुए गृह राज्य मंत्री ने कहा कि इसे यूरोपीय संघ की ओर मान्यता प्राप्त है और इसने ये खुलासे ऑनलाइन रिपोर्ट में किया है. उन्होंने बताया कि सीएआर ने साल 2014 से 2016 के बीच आईएस के आईईडी बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए करीब 700 कलपुर्जे का अध्ययन किया था. रिपोर्ट की मानें तो डेटोनेटर, डेटोनेटिंग कार्ड्स और सेफ्टी फ्यूज आईएस के हाथ लगे जो दूसरे देशों के अलावे भारत की 7 कंपनियों में भी बने थे.

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