सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती दरगाह के सज्जादनशीन और मुस्लिम धर्म प्रमुख दरगाह दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने कहा कि वैश्विक स्तर पर इस्लामिक देशों को भारतीय मुसलमानों से शान्ति और सौहार्द से जिन्दगी गुजारने का हुनर सिखना चाहिए.
खान ने दुनियाभर के मुस्लिम देशों में व्याप्त वर्गीय हिंसा पर गम्भीर चिंता जताते हुऐ भारत के मुसलमानों द्वारा अमन पसंद जिन्दगी जीने के तरिके को अपनाने का संदेश दिया. दरगाह दीवान ने ख्वाजा साहब के 803वें उर्स के समापन के पहले शनिवार की शाम को दरगाह स्थित खानकाह शरीफ में आयोजित कदीमी महफिल के बाद देश की प्रमुख चिश्तिया दरगाहों के सज्जादगान और धर्म प्रमुखों की मौजूदगी में कहा कि जिस तरह भारत का मुसलमान वर्गीय मतभेदों को भुलाकर अमन और सुकून से जिन्दगी बसर कर रहा वह दुनिया भर के लोगों के लिए उदाहरण है क्योंकि देश के समस्त इस्लामिक सम्प्रदाय गैर मुस्लिमों के साथ आपसी भाईचारे और सौहार्द के साथ रहते हैं.
उन्होंने कहा कि इसके बिलकुल विपरीत पाकिस्तान, अफगानिस्तान, सीरिया, इराक, अरब देशों सहित बांग्लादेश और दूसरे मुस्लिम देशों में शिया और सुन्नी मुसलमान पारस्परिक हिंसा पर उतारू हैं जबकि दुनिया के दूसरे सबसे बड़े मुस्लिम जनसंख्या का प्रतिनिधत्व करने वाले भारत में ऐसा कोई वर्गीय संघर्ष नहीं है.
उनका कहना था कि इन इस्लामी देशों में आपसी नफरत का भाव इस हद तक पहुंच चुका है कि सूफी धर्म स्थलों मस्जिदों और बेगुनाह लोगों को हिंसा का शिकार बनाया जा रहा है.
इनपुट भाषा से