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जाकिर नाइक पर मलेशिया के मंत्री ने कहा- अतिवादियों को यहां जगह नहीं

प्रवासी सांसद सम्मेलन में हिस्सा लेने आए मलेशियाई मंत्री ने कहा कि हम अभी उनकी नागरिकता पर स्पष्टता पाने की कोशिश कर रहे हैं, हम नहीं चाहते कि कोई व्यक्ति हमारे देश की इमेज पर सवाल उठाए.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

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विवादित इस्लामिक प्रचारक डॉक्टर ज़ाकिर नाईक की मुश्किलें अब बढ़ सकती हैं. मलेशिया पीएमओ में मंत्री एसके देवामनी ने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा कि हमारे देश में अतिवाद के लिए जगह नहीं है, हम अपने देश में ऐसे किसी भी व्यक्ति को जगह नहीं देंगे जो हमें ये बताए कि हमें अपने धर्म का किस तरह पालन करना चाहिए.

यहां नई दिल्ली में प्रवासी सांसद सम्मेलन में हिस्सा लेने आए मलेशियाई मंत्री ने कहा कि हम अभी उनकी नागरिकता पर स्पष्टता पाने की कोशिश कर रहे हैं, हम नहीं चाहते कि कोई व्यक्ति हमारे देश की इमेज पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि जब हमारे प्रधानमंत्री आसियान बैठक में यहां आएंगे तो भारत को इस मुद्दे को उठाना चाहिए. गौरतलब है कि जाकिर नाईक की पिछले काफी समय से इंडोनेशिया या मलेशिया में होने की बात कही जाती है.

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गौरतलब है कि एनआईए ने 18 नवंबर 2016 को अपनी मुंबई शाखा में नाइक के खिलाफ यूएपीए कानून और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था.

बांग्लादेश में आतंकी हमले से जुड़े तार

डॉक्टर नाईक के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) और भारतीय दंड विधान की धारा 20 (b), 153 (a), 295 (a), 298 and 505 (2) के तहत आरोप तय किए गए थे. बांग्लादेश में आतंकी हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों ने जब जाकिर से प्रभावित होने की बात कबूली, तो वो 1 जुलाई, 2016 को भारत से भाग गया. इसके बाद नवंबर, 2016 में जाकिर के खिलाफ केस दर्ज किया गया और दिसंबर, 2016 में जाकिर के एनजीओ को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बैन कर दिया.

कई देशों में बैन है नाईक का पीस टीवी

NIA ने जाकिर पर देश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप लगाया था. आतंकी संगठन ISIS में शामिल होने के लिए देश छोड़ने वाले भारतीय युवकों ने भी भारतीय एजेंसियों को बताया था कि वे जाकिर के भाषण से प्रभावित थे. जाकिर नाईक के पीस टीवी को कई देशों में बैन किया गया है.

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