इजरायली सेना ने भारत के साथ संयुक्त रूप से विकसित 'बराक-8' मिसाइल का एक और सफल परीक्षण किया है. इसने अपने लक्ष्य के रूप में एक छोटे ड्रोन पर सटीक निशाना साधा.
इजरायली सेना के सूत्रों ने कहा, ‘कल अपनी तरह के पहले अभियान में एक इजरायली नौसैन्य जहाज से दागी गई बराक-8 मिसाइल ने लक्ष्य पर सफलता के साथ निशाना साधा और सौ फीसदी सफलता दर्ज की गई.’
उन्होंने कहा, ‘सिस्टम का अगला परीक्षण इस साल दिसंबर में भारतीय नौसेना के पोत से किए जाने की संभावना है.’ परीक्षण के लिए भारतीय पोत आईएनएस कोलकाता का इस्तेमाल किए जाने की संभावना है, क्योंकि पोत पर लॉन्चर और मिसाइलों का पता लगाने के लिए रडार पहले ही तैनात किए जा चुके हैं.
रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (DRDO), इजरायल एरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI), इजरायल्स एडमिनिस्ट्रेशन फॉर डेवलपमेंट ऑफ वेपंस एंड टेक्नोलॉजिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर, एल्टा सिस्टम्स, राफेल और अन्य कंपनियों द्वारा इस मिसाइल का संयुक्त रूप से विकास किया जा रहा है.
भारत डायनामिक्स लिमिटेड (BDL) को मिसाइल उत्पादन का काम सौंपा जाएगा. शुरुआती 32 मिसाइल आईएनएस कोलकाता पर तैनात की जाएंगी. इजरायली सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि सतह से हवा में मार करने वाली आधुनिक प्रणाली देश के तटवर्ती गैस क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए तैनात की जाएगी. प्रणाली से इजरायल की हवाई रक्षा का दायरा बढ़ेगा और करीब दो साल में यह संचालन में आ जानी चाहिए.
यह याकहोंट जैसी पोत भेदी मिसाइलों से इजरायली नौसैन्य पोतों की रक्षा में भी मदद करेगी. ऐसा माना जाता है कि लेबनान का शिया उग्रवादी समूह हिजबुल्ला याकहोंट मिसाइल हासिल करने वाला है.
बराक-8 भारत और इजरायल द्वारा पहले से ही इस्तेमाल की जा रही बराक मिसाइल प्रणाली का नया रूप है. यह मिसाइलों, विमानों और ड्रोन से नौसैन्य पोतों की रक्षा के लिए विकसित की गई है.
इनपुट: भाषा