अपने आसपास के क्षेत्र में चल रही अस्थिरता और क्षेत्र में सैन्य टकराव की आशंका के मद्देनजर इजराइल ने अपने सबसे नजदीकी सहयोगी अमेरिका से भारी मात्रा में हथियार और गोलाबारूद की मांग की है.
इजराइल के प्रमुख अखबार हेरात्ज की एक रिपोर्ट के अनुसार इजराइल ने अपनी वायुसेना के लिए ‘ज्वाइंट डायरेक्ट अटैक म्युनिशन’ बमों की मांग की है. इसके अलावा इस यहूदी देश ने अपने यहां किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अमेरिका द्वारा जमा किए गए हथियारों के जखीरे को भी जरूरत पड़ने पर उपयोग करने की छूट मांगी है.
हाल में ही वाशिंगटन के दौर पर गए इजराइल के रक्षा मंत्री एहुद बराक और रक्षा मंत्रालय के मुख्य निदेशक उदी शानी ने अमेरिकी कांग्रेस और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों से यह मांग की है. रिपोर्ट में कहा गया है कि प्राथमिकता सूची में सुरक्षा के खतरे के मद्देनजर यह मांग की गई है.
सुरक्षा प्रतिष्ठानों का मानना है कि अगले कुछ साल में देश को किसी लंबे युद्ध से गुजरना पड़ सकता है. ऐसे समय पर वायुसेना को एक साथ कई ठिकानों पर हमला करना पड़ेगा जिसके लिए हथियारों की आपूर्ति को ध्यान में रखना पड़ेगा.
इजराइल ने इन सब चीजों को ध्यान में रखते हुए अपने शस्त्रागार में जेडीएएम बमों सहित अन्य हथियारों की मात्रा को बढ़ाने का निर्णय लिया है. वहीं दूसरी तरफ इजराइल अमेरिका द्वारा आपातकाल में इस्तेमाल के लिए अपने देश में रखे गए हथियारों की मात्रा में 50 प्रतिशत की और बढ़ोतरी चाहता है. फिलहाल इन युद्ध सामग्रियों की वर्तमान कीमत 80 करोड़ डॉलर के आसपास है और इजराइल इसे बढ़ाकर एक अरब डॉलर तक करना चाहता है.
हेरात्ज ने वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के हवाले से बताया कि अमेरिका द्वारा जमा किए गए ये भंडार इजराइली सैनिकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. व्यापक स्तर पर होने वाली हिंसा के दौरान ये बहुत काम आते हैं. गौरतलब है कि अमेरिका के इन युद्ध सामग्रियों के जखीरे में रॉकेट, कई तरह के बम, और हथियारों से लैस वाहन हैं. अमेरिका ने इजराइल में यह जखीरा पिछले दिसंबर में इस देश की सुरक्षा में सहायता के लिए स्थापित किया था. हालांकि इसमें सारे हथियार वही हैं जो इजराइल फिलहाल इस्तेमाल करता है.