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अब अंतरिक्ष में भी छाएगा हिन्दुस्तान, अपना स्पेस स्टेशन बनाएगा भारत

इसरो के चेयरमैन डॉ. के सिवन ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि भारत अब अपना स्पेस स्टेशन बनाएगा. इसरो इसके लिए योजना पर काम कर रहा है. यह गगनयान मिशन का अगला स्टेप होगा. सिवन ने बताया कि हमें मानव अंतरिक्ष मिशन के लॉन्च के बाद गगनयान कार्यक्रम को लगातार बनाए रखना है, इसलिए हमें अपने स्पेस स्टेशन की जरूरत है.

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इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन.(फोटोः नासा)
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन.(फोटोः नासा)

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चेयरमैन डॉ. के सिवन ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि भारत अब अपना स्पेस स्टेशन बनाएगा. इसरो इसके लिए योजना पर काम कर रहा है. यह गगनयान मिशन का अगला स्टेप होगा. सिवन ने बताया कि हमें मानव अंतरिक्ष मिशन के लॉन्च के बाद गगनयान कार्यक्रम को लगातार बनाए रखना है, इसलिए हमें अपने स्पेस स्टेशन की जरूरत है.

इससे पहले इसरो प्रमुख के सिवह ने कहा था कि भारत दिसंबर 2021 तक तीन भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजेगा. इसके लिए गगनयान प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो चुका है. भारतीय वायुसेना 10 अंतरिक्षयात्रियों को अगले दो महीने में खोजेगा. फिर इसरो उनमें से तीन का चयन करेगा. यही तीन अंतरिक्ष यात्री स्पेस में जाएंगे.

डॉ. सिवन ने कहा कि अगर हम गगनयान मिशन निर्धारित समय में पूरा करते हैं तो भारत दुनिया का चौथा ऐसा देश होगा जो अपने बल पर अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस में भेजेगा. गगनयान प्रोजेक्ट की घोषणा पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी. इसरो 15 जुलाई को चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग करेगा.

क्या होता है स्पेस स्टेशन?

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स्पेस स्टेशन को ऑर्बिटल स्टेशन भी कहते है. इसको इंसानों को रहने के लिए सभी सुविधाएं हो ध्यान में रखते हुए बनाया गया है. यानी यह अंतरिक्ष में मानव निर्मित ऐसा स्टेशन है, जिससे पृथ्वी से कोई अंतरिक्ष यान जाकर मिल सकता है. इसके अलावा इसमें इतनी क्षमता होती है कि इस पर अंतरिक्ष यान उतारा जा सके. इन्हें पृथ्वी की लो-ऑर्बिट कक्षा में ही स्थापित किया जाता है. हम आपको बता दें कि स्पेस स्टेशन एक प्रकार का मंच है जहां से पृथ्वी का सर्वेक्षण किया जा सकता है, आकाश के रहस्यों को मालूम किया जा सकता है.

दुनिया में कितने स्पेस स्टेशन हैं?

अप्रैल 2018 तक, दो स्पेस स्टेशन पृथ्वी कक्षा में हैं: अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (परिचालन और स्थायी रूप से निवास), और चीन का Tiangong-2 (परिचालन लेकिन स्थायी रूप से निवास नहीं). पिछले स्टेशनों में अल्माज़ और Salyut series, स्काइलैब, मीर और हाल ही में Tiangong-1 शामिल हैं. अंतरिक्ष में स्पेस स्टेशन इसलिए बनाया गया है ताकि वैज्ञानिक लंबे समय तक अंतरिक्ष में काम कर सकें.

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