भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपना नेविगेशन सैटेलाइट (IRNSS-1I) गुरुवार सुबह लॉन्च कर दिया. इस सैटेलाइट को पीएसएलवी-सी41 रॉकेट के जरिए गुरुवार सुबह 4.04 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के एफएलपी से लॉन्च किया गया. बता दें, IRNSS-1I स्वदेशी तकनीक से निर्मित नेविगेशन सैटेलाइट है.
WATCH: ISRO launches the IRNSS-1I navigation satellite aboard the PSLV-C41 from First Launch Pad (FLP) of SDSC SHAR, Sriharikota. #AndhraPradesh pic.twitter.com/RNfzYfw0VJ
— ANI (@ANI) April 11, 2018
IRNSS-1I सैटेलाइट का वजन 1425 किलोग्राम है. इस सैटेलाइट की लंबाई 1.58 मीटर, ऊंचाई 1.5 मीटर और चौड़ाई 1.5 मीटर है. इसे 1420 करोड़ रुपए में तैयार किया गया है.
IRNSS-1I से नेविगेशन के क्षेत्र में मदद मिलेगी. इसमें समुद्री नेविगेशन के साथ ही मैप और सैन्य क्षेत्र को भी मदद मिलेगी. ये सैटेलाइट इसरो की नाविक प्रणाली का हिस्सा होगी. इंडियन सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम 'नाविक' में 9 सैटेलाइट हैं.
एक सैटेलाइट से टूट चुका है संपर्क
इससे पहले इसरो ने 29 मार्च को कम्युनिकेशन सैटेलाइट जीसैटR-6ए को लॉन्च किया था. हालांकि इससे इसरो का संपर्क टूट गया है. इसरो की ओर से सैटेलाइट से संपर्क साधने की कोशिश जारी है.
सैटेलाइट से संपर्क टूटने पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केन्द्र (इसरो) का कहना था कि जीसैटR-6ए उपग्रह के साथ उनका संपर्क टूट गया है और उसके साथ संपर्क फिर से स्थापित करने की कोशिश की जा रही है.
गौरतलब है कि इसरो उपग्रह की गतिविधियों को लेकर चुप्पी साधे हुए था. इसरो ने एक बयान में कहा है कि 31 मार्च की सुबह द्रव अपोगी मोटर (एलएएम) ने करीब 53 मिनट चल कर जीसैटR-6ए को दूसरी कक्षा तक सफलतापूर्वक पहुंचाया.