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सफल रहा ISRO का सबसे बड़ा कमर्शियल लॉन्च, पांच ब्रिटिश सैटेलाइट कक्षा में स्थापित

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) का रॉकेट पीएसएलवी-सी28 शुक्रवार को 1,440 किलोग्राम वजन वाले पांच ब्रिटिश उपग्रहों को लेकर रात 9:58 रवाना हो गया. यह भारत का सबसे बड़ा कमर्शियल लॉन्च है.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

इसरो ने शुक्रवार को पीएसएलवी-सी28 से पांच ब्रिटिश व्यावसायिक उपग्रहों का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया. इसरो का यह अभी तक का सबसे बड़ा कमर्श‍ियल लॉन्च था.

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9 बजकर 58 मिनट पर उड़ा रॉकेट
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के उपग्रह वाहन पीएसएलवी-सी28 ने पांच ब्रिटिश उपग्रहों के साथ सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से रात नौ बजकर 58 मिनट पर उड़ान भरी. उड़ान भरने के करीब 20 मिनट के बाद उसने पांचों उपग्रहों को ‘सौर-समकालिक’ कक्षा में स्थापित किया. सफल रहा मिशन
इसरो अध्यक्ष किरन कुमार ने बताया, ‘यह बहुत अच्छा मिशन रहा. बहुत सफल मिशन रहा.’ ये उपग्रह पृथ्वी की सतह पर रोजाना किसी भी लक्ष्य की तस्वीर ले सकते हैं. इनका मुख्य उपयोग पृथ्वी पर संसाधनों और उसके पर्यावरण का सर्वेक्षण करना, शहरी अवसंरचना का प्रबंधन करना और आपदा प्रबंधन है.

40 कमर्शि‍यल विदेशी सैटेलाइट्स लॉन्च

भारत की PSLV सीरीज के तहत यह 30वीं लॉन्चिंग है. अभी तक भारत 40 कमर्शि‍यल विदेशी सैटेलाइट्स लॉन्च कर चुका है.

मिशन की उम्र सात साल
मिशन की आयु सात वर्ष रहने की संभावना है. पीएसएलवी की 30वीं उड़ान में तीन एक समान डीएमसी3 ऑप्टिकल पृथ्वी निगरानी उपग्रह थे जिनका निर्माण ब्रिटेन ने किया है. इसके साथ ही दो सहायक उपग्रह भी थे. तीनों डीएमसी3 उपग्रहों, जिनमें प्रत्येक का वजन 447 किलोग्राम था, को पीएसएलवी-एक्सएल के आधुनिक संस्करण का उपयोग करते हुए सौर-समकालिक कक्षा में स्थापित किया गया.

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