अंतरिक्ष में इतिहास रचे जाने से पहले GSLV- D5 का प्रक्षेपण रोक दिया गया है. फ्यूल सिस्टम तकनीकी खराबी की वजह से प्रक्षेपण टालने का फैसला किया गया. जीएसएलवी डी-5 के प्रक्षेपण की अगली तारीख की घोषणा बाद में की जायेगी.
इसरो के अध्यक्ष के. राधाकृष्णन के मुताबिक फ्यूल सिस्टम में लीक की वजह से लॉन्च का काउंटडाउन रोक दिया गया है. लॉन्च की अगली तारीख फिलहाल अभी तय नहीं की गई है.
इससे पहले 2010 में जीएसएलवी प्रक्षेपण यान का दो प्रक्षेपण विफल हो गया था. प्रक्षेपण यान के निर्माण पर लगभग 160 करोड़ रुपये तथा उपग्रह के निर्माण पर लगभग 45 करोड़ रुपये की लागत आई है.
गौरतलब है कि इसरो अपने अत्याधुनिक संचार उपग्रह जी सैट 14 का प्रक्षेपण करने वाला था जिसे जीएसएलवी डी 5 नाम का रॉकेट अंतरिक्ष में ले जाता. ये प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा के श्री सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से शाम 4 बजकर 50 मिनट पर होना था. इस प्रक्षेपण यान की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें लगा क्रायोजेनिक इंजन पूर्णत: देश में ही इसरो द्वारा विकसित किया गया है. जीएसएलवी डी-5 के साथ 1982 किलोग्राम का एक उपग्रह भी साथ भेजने की योजना थी.
भारत को 5 टन तक के पेलोड के प्रक्षेपण को लेकर क्रायोजेनिक इंजन की जरूरत है. ये भविष्य के प्रसारण, दूरसंचार और अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए बेहद जरूरी है और अगर ये प्रक्षेपण सही रहता तो भारत दुनिया का छठा ऐसा देश बन जाता जो इस तरह की तकनीक से लैस है.