दिल्ली यूनिवर्सिटी मामले पर सूचना और प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू का कहना है कि मसला गुरमेहर कौर नहीं, बल्कि कुछ स्टूडेंट्स का राष्ट्र विरोधी नारे लगाना है.
आजतक से खास बातचीत में नायडू ने कहा, 'हम लोग छात्रों की राजनीति में नहीं पड़ते हैं. बाहर के लोगों को उसमें शामिल नहीं होने चाहिए. मसला गुरमेहर कौर नहीं मसला है, वहां जो नारा दिया गया, वहां जो लोग कश्मीर की आजादी बात करते हैं. इस पर हमें आपत्ति है. किसी भी हालत में हम उसको स्वीकार नहीं करते हैं.'
उन्होंने कहा, 'देश की एकता व अखंडता में सबका विश्वास होना चाहिए. हम लोग इसी तरह की प्रतिबद्धता वाले हैं, एबीवीपी इसी रास्ते पर चलने वाला है. बाहर के लोग आकर यूनिवर्सिटी में माहौल बिगाड़ते हैं. कांग्रेस पार्टी, लेफ्ट पार्टियों के लोग माहौल बिगाड़ते हैं. चुनाव में वे लोग मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं. इसलिए छात्रों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं.'
राष्ट्रवाद और गैर राष्ट्रवाद की लड़ाई पर वेंकैया नायडू का कहना है कि राष्ट्रवाद का मतलब है देश के हित के बारे में सोचना. उन्होंने कहा, 'राष्ट्रविरोधी क्या है. वे नारा लगा रहे हैं कश्मीर को आजादी, बस्तर को आजादी. वहां आजादी है. आजादी रहेगा. वह किसी की दया के कारण नहीं है. जनता के कारण है. जो लोग राष्ट्रविरोधी नारा दे रहे हैं. उसकी हम निंदा करते हैं और करते रहेंगे.'
गुरमेहर कौर के बारे नायडू ने कहा कि उसको धमकियां नहीं देनी चाहिए, इस मामले की समुचित जांच होना चाहिए. एक दूसरी लड़की ने भी कहा कि मेरे साथ भी यह हुआ. अन्याय हुआ. दोनों के बारे में जांच होना चाहिए. निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. कठोर कार्रवाई करना चाहिए. अगर ऐसा किसी ने धमकी दिया है तो वह निंदनीय है.
फ्रीडम ऑफ स्पीच के बारे वेंकैया नायडू ने कहा कि जो लोग प्राइम मिनिस्टर को गधा कह सकते हैं, वह हमको प्रवचन दे रहे हैं. जिन्होंने इमरजेंसी लगाई आज वह फ्रीडम ऑफ स्पीच की बातें कर रहे हैं.