राज्यसभा में बुधवार को एक्साइज ड्यूटी बढ़ाए जाने का मुद्दा काफी उछाला गया. विपक्ष ने सरकार से कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि जब वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आ रही है तो फिर सरकार पेट्रोल और डीजल की एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी क्यों कर रही है.
कीमतों में आई गिरावट का फायदा उपभोक्ताओं को दिया गया
इस पर जवाब देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट का फायदा उपभोक्ताओं को पहुंचाया जा चुका है. अरुण जेटली ने राज्यसभा में कहा कि अपने अब तक के कार्यकाल में केन्द्र सरकार ने 20 बार पेट्रोल और 16 बार डीजल के दाम घटाए हैं. गिरे हुए दामों का फायदा तीन प्रकार से बांटा गया. पहला उपभोक्ताओं को फायदा पहुंचाकर, दूसरा एक्साइज ड्यूटी से मिलने वाला पैसा दिल्ली, हिमाचल, हरियाणा और जम्मू कश्मीर जैसे राज्यों को बांटकर और तीसरा विकास योजनाओं के काम में लाकर.
आनंद शर्मा ने कहा, फायदे को जनता में नहीं बांट रही सरकार
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने बुधवार को राज्यसभा में सवाल उठाया था कि विश्व में क्रूड ऑयल की कीमतें गिरने के बावजूद सरकार इससे होने वाले फायदे को जनता में नहीं बांट रही है. साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विदेश यात्राओं पर भी निशाना साधा. समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने भी एक्साइज ड्यूटी के मुद्दे पर छिड़ी बहस में भाग लिया.
पेट्रोल पर 30 पैसे और डीजल पर 1.17 रुपए प्रति लीटर बढ़ी एक्साइज ड्यूटी
केंद्र सरकार ने बुधवार को पेट्रोल पर 30 पैसे प्रति लीटर और डीजल पर 1.17 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी है. गौरतलब है कि इससे पहले मंगलवार को पेट्रोल के दाम में 50 पैसा और डीजल के दाम में 46 पैसा प्रति लीटर की कटौती की गई थी.