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भारत-पाक वार्ता में छाया आतंकवाद का मुद्दा

भारत ने गुरुवार को पाकिस्तान को तीन डॉजियर सौंपे, जिसमें लश्कर ए तैयबा प्रमुख हाफिज सईद समेत यहां वांछित 34 आतंकवादियों के नाम शामिल हैं, साथ ही उन्हें सौंपने की और अन्य प्रभावी कदम उठाने की मांग है.

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भारत ने गुरुवार को पाकिस्तान को तीन डॉजियर सौंपे, जिसमें लश्कर ए तैयबा प्रमुख हाफिज सईद समेत यहां वांछित 34 आतंकवादियों के नाम शामिल हैं, साथ ही उन्हें सौंपने की और अन्य प्रभावी कदम उठाने की मांग है.

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द्विपक्षीय संबंधों में नरमी लाने के लिहाज से विदेश सचिव निरुपमा राव और उनके पाकिस्तानी समकक्ष सलमान बशीर के बीच दिन भर चली वार्ता में दोनों पक्षों ने संबंधों के विश्वास में आयी कमी को महसूस किया और संपर्क में बने रहने के साथ विश्वास बहाली के लिए काम करते रहने का फैसला किया.

राव ने वार्ता के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हमने विश्वास पुनर्निर्माण करने के लिहाज से पहले कदम की योजना बनायी और मेरा मानना है कि पाकिस्तानी विदेश सचिव के साथ मेरी मुलाकात ने पहला कदम बनाया है.’ भारत ने जहां सीमा पार आतंकवाद पर ध्यान दिया, वहीं पाकिस्तान ने कश्मीर, बलूचिस्तान एवं जल विवाद के मुद्दे उठाये. भारत ने हाल ही में पाकिस्तान में तालिबान द्वारा एक सिख का सर कलम कर हत्या करने के मसले को भी उठाया.

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निरुपमा राव ने कहा कि मुंबई हमलों से विश्वास खत्म हुआ है. उन्होंने कहा कि पुणे हमले भी एक बार याद दिलाते हैं कि हमारे नागरिक आतंकी हिंसा के लिहाज से संवेदनशील बने हुए हैं. पुणे हमलों में अभी जांच चल रही है. राव के मुताबिक उन्होंने पाकिस्तानी समकक्ष से कहा कि उनकी सरजमीं से गतिविधियां संचालित कर रहे सभी आतंकवादी समूहों को नेस्तानाबूद करना पाकिस्तान की महती जिम्मेदारी है. {mospagebreak}

26/11 के संबंध में भारत ने हमलों के साजिशकर्ताओं को न्याय के कठघरे में लाने के लिए पाकिस्तान द्वारा अब तक कदम उठाये जाने की बात मानी लेकिन संकेत दिया कि मुंबई हमलों की पूरी साजिश का पर्दाफाश करने के लिहाज से और सभी दोषियों को सजा देने के लिहाज से ये पर्याप्त नहीं है. भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ढांचे के लगातार बने रहने और पाकिस्तानी क्षेत्र तथा पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्र से भारत के खिलाफ आतंकी हिंसा भड़काने के लिहाज से लश्कर ए तैयबा, जमात उद दावा, हिज्ब उल मुजाहिदीन आदि जैसे संगठनों की निर्बाध गतिविधियों पर अपनी चिंता जतायी.

इस संबंध में लाहौर में पांच फरवरी को हाफिज सईद के भड़काऊ भाषण का जिक्र किया गया, जिसमें उसने खुले तौर पर भारत के खिलाफ आतंकी हिंसा की बात कही थी. मुंबई हमलों को पाकिस्तान से सिर उठा रहे आतंकवाद की बड़ी समस्या का एक संकेत करार देते हुए राव ने कहा कि उन्होंने इन मुद्दों पर पाकिस्तान द्वारा तेजी से कार्रवाई के महत्व पर जोर दिया, जिसमें अमेरिका में डेविड कोलमैन हेडली और तहावुर हुसैन राणा की गिरफ्तारी के बाद मिले सुरागों पर कार्रवाई शामिल हो.

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बातचीत के दौरान राव ने बशीर को तीन डॉजियर सौंपे, जिसमें पाकिस्तान में बसे कुछ लोगों और समूहों द्वारा भारत के खिलाफ गतिविधियों का ब्योरा है. दस्तावेजों में 24 नाम हैं, जो मुंबई हमलों में शामिल हैं और यहां अन्य आतंकी करतूतों के साजिशकर्ता हैं. भारत ने मुंबई हमलों के मामले में हाफिज सईद और लश्कर के कुछ सदस्यों जैसे मुजामिल, अबू हमजा, अबू काहफा, उस्मान और साजिद के साथ साथ सेवानिवृत्त मेजर इकबाल को सौंपने की मांग की. {mospagebreak}

भारत ने इंडियन मुजाहिदीन प्रमुख आसिफ रजा खान और इसके वरिष्ठ सदस्य रियाज भटकाल को भी सौंपने की मांग की. एक डॉजियर में अल कायदा से जुड़े एक शीर्ष आतंकवादी इलयास कश्मीरी और भारत को उसकी तरफ से खतरों को भी सूचीबद्ध किया गया है. भारत ने पाकिस्तान से कहा कि अभी तक अज्ञात रहे संगठन लश्कर ए तोइबा अल आलमी के दावे की और पुणे में हाल ही में विस्फोट की जिम्मेदारी लेने के इलयास कश्मीरी के दावे की जांच की जाए.

राव ने कहा, ‘हमने कहा था कि इस तरह के सभी संगठनों की गतिविधियों को खत्म करने के लिए प्रभावी कार्रवाई करने की जिम्मेदारी पाकिस्तान सरकार की है.’ उन्होंने नियंत्रण रेखा एवं अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास आतंकवादी घुसपैठ एवं संघर्ष विराम उल्लंघन में बढ़ोतरी पर भारत की तरफ से चिंता जतायी.

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विदेश सचिव ने संकेत दिया कि पिछले साल घुसपैठ 40 प्रतिशत बढ़ी है. पाकिस्तान ने समग्र वार्ता को फिर से शुरू करने की मांग की थी, जो कि भारत ने मुंबई हमलों के बाद से रोक रखी है. लेकिन नयी दिल्ली ने यह कहते हुए इसका समर्थन नहीं किया कि ‘समय सही नहीं है’ तथा इसके लिए उचित माहौल की जरूरत है. हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई की भारत की मांग के संबंध में राव ने कहा कि पाकिस्तान का विचार है कि वहां उसके भाषणों के आधार पर उसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कोई कानून नहीं है. इस पर असंतोष जताते हुए भारतीय विदेश सचिव ने कहा कि पाकिस्तान में पर्याप्त आतंकवाद निरोधी कानून हैं, जिसके तहत जमात प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. सईद के पांच फरवरी के भड़काऊ भाषण से संबंधित किसी तरह की सीडी सौंपे जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसकी कोई जरूरत नहीं थी क्योंकि यह पहले ही सार्वजनिक हो चुकी है.

पाकिस्तान द्वारा कश्मीर का मुद्दा उठाये जाने पर राव ने पाकिस्तानी विदेश सचिव से कहा कि भारत दोनों देशों के बीच सभी लंबित मुद्दों को आतंकवाद एवं हिंसा से मुक्त माहौल में द्विपक्षीय बातचीत के जरिये सुलझाने में विश्वास रखता है. उन्होंने बलूचिस्तान में भारत के हस्तक्षेप के पाकिस्तान के आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि भारत किसी देश को अस्थिर करने में भरोसा नहीं रखता. जल विवाद पर राव ने इस बात को रेखांकित किया कि 1960 की सिंधु जल संधि इस तरह के मुद्दों को सुलझाने के लिए उचित प्रणाली है.

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