पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने कहा है कि देश की राजनीतिक शक्तियां ताकतवर खुफिया एजेंसी ‘आईएसआई’ पर असैन्य नियंत्रण चाहती हैं, लेकिन इस मसले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है.
जरदारी ने एक समाचार चैनल को दिए गए साक्षात्कार में कहा, ‘‘राजनीतिक शक्तियां आईएसआई पर असैन्य नियंत्रण चाहती हैं, लेकिन इस मसले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है.’’ हालांकि, उन्होंने इस मसले को ठंडे बस्ते में रखे जाने की वजह नहीं बताई. दरअसल, जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) नीत सरकार ने पिछले साल जुलाई में आईएसआई को आंतरिक मामलों के मंत्रालय के नियंत्रण में लाने की कोशिश की थी, लेकिन देश की ताकतवर सेना के विरोध के बाद इस फैसले को उलट दिया गया.
पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने यह भी बताया कि उन्होंने हाल ही में कराची में शिया लोगों के एक जुलूस पर हुए हमले के लिये आतंकवादी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया था, जिसका जिक्र उन्होंने पिछले महीने पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की दूसरी पुण्यतिथि पर भी किया था. इस हमले में 43 लोग मारे गये थे. जरदारी ने कहा कि उनके इस भाषण का जवाब आतंकवादियों ने हमले के जरिये दिया.
पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि कुछ राजनीतिक तत्व सरकार के खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं, लेकिन उनके पास ‘राजनीतिक हथियार’ हैं, जो उचित वक्त पर इस तरह की योजनाओं को नाकाम कर देंगे. जरदारी ने बीते 27 दिसंबर को बेनजीर की दूसरी पुण्यतिथि के मौके पर आरोप लगाया था कि ‘सरकार से इतर तत्व’ पाकिस्तान को तोड़ने का षड्यंत्र रच रहे हैं.
उन्होंने इन तत्वों की पहचान जाहिर नहीं की लेकिन उनका इशारा किसकी ओर था, इस बारे में यहां राजनीतिक गलियारों में बड़े पैमाने पर अटकलें लगाई जा रही हैं. उन्होंने बताया कि अफगानिस्तान की सीमा से लगे देश के कबायली क्षेत्र में सैन्य अभियान के बारे में सेना और सरकार के बीच पूर्ण सामंजस्य है. जरदारी ने यह भी कहा कि सैन्य प्रतिष्ठान के विचार हमेशा से सुने और गौर किये जाते रहे हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी जान को कोई खतरा है, पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘बीते समय में देश के कई प्रमुखों का कत्ल हुआ है और इस तरह के किसी खतरे की बात को खारिज नहीं किया जा सकता, देश का प्रमुख होने के नाते मुझे सुरक्षा और प्रोटोकॉल प्राप्त है.’’
जरदारी से उनकी घटती लोकप्रियता के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि मेरी लोकप्रियता का ग्राफ नीचे गिर रहा है, लेकिन यदि इस वक्त हम कोई सख्त फैसला नहीं करते हैं तो हमारी आने वाली पीढ़ी हमें कभी माफ नहीं करेगी.’’ उन्होंने यह भी कहा कि पीपीपी का मानना है कि तहरीक ए तालिबान के मारे जा चुके प्रमुख बैतुल्ला महसूद उनकी पत्नी एवं पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या का षड्यंत्र रचने के लिये जिम्मेदार था.