वारेन एंडरसर को देश से भागने में कथित मदद के लिए कांग्रेस पर लगातार वार जारी रखते हुए भाजपा ने आज कहा कि तत्कालीन विदेश सचिव एम के रसगोत्र ने स्पष्ट कर दिया था कि प्रधानमंत्री राजीव गांधी को एंडरसन के देश से बाहर जाने पर कोई आपत्ति नहीं थी.
मुख्य विपक्षी दल ने इस आरोप के जवाब में दस्तावेजी साक्ष्य भी पेश किये हैं कि उसने डाउ केमिकल्स से एक लाख रुपये का दान लिया था लेकिन तथ्यों का पता लगने पर उसने धन वापस कर दिया था. डाउ केमिकल्स ने ही यूनियन कार्बाइड को खरीदा था.
इस बारे में भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने 13 नवंबर 2008 को पार्टी की ओर से डाउ इंटरनेशनल को लिखे पत्र का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि तत्कालीन विदेश सचिव एम के रसगोत्रा के इस मुद्दे पर विस्तार से बोलने के बाद कांग्रेस अब एंडरसन के देश से भागने के मसले पर बच नहीं सकती.{mospagebreak}उन्होंने कहा कि रसगोत्रा ने एक समाचार चैनल को दिये इंटरव्यू में कहा कि एंडरसन को गिरफ्तार करना गलती थी और यह वायदे का उल्लंघन था. इससे पता चलता है कि अमेरिका और भारत सरकार के बीच एंडरसन को भारत से जाने देने के बारे में समझौता था. भाजपा ने इस पूरे प्रकरण में राजीव गांधी के कथित रूप से शामिल होने पर विशेष जोर दिया है.
सीतारमण ने कहा, ‘‘रसगोत्रा कहते हैं कि राजीव गांधी उस समय दिल्ली से बाहर थे लेकिन जब लौटे तो उन्हें मामले की पूरी जानकारी दी गयी और उन्हें एंडरसन को देश से बाहर जाने देने में कोई आपत्ति नहीं थी.’’ भाजपा का आरोप है कि अमेरिकी वाणिज्य दूतावास भारत के उच्चाधिकारियों से बातचीत कर रहा था अन्यथा एंडरसन देश से बाहर नहीं जाने पाता.
सीतारमण ने कहा, ‘‘ एंडरसन ने साउथ ब्लाक में रसगोत्रा से मुलाकात की थी. उसने तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह और तत्कालीन गृहमंत्री पी वी नरसिंह राव से भी भेंट की थी.’’ उन्होंने रसगोत्रा के बयान को ‘राजनीति से प्रेरित’ बताने के लिए कांग्रेस की आलोचना की. सीतारमण ने कहा कि राजीव गांधी ने पूर्व विदेश सचिव को रिटायरमेंट के बाद ब्रिटेन में भारत का उच्चायुक्त नियुक्त किया था.{mospagebreak}भाजपा प्रवक्ता ने कहा, ‘‘बाद में रसगोत्रा ने कांग्रेस के विदेश मामलों के प्रकोष्ठ में काम किया. उन्हें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने संप्रग-1 के समय राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के सदस्य के रूप में भी नियुक्त किया था.’’ सीतारमण ने कांग्रेस से आग्रह किया कि वह भाजपा द्वारा डाउ से दान लेने का मसला बार बार उठाकर खुश होना बंद करे और इस बारे में अफवाहें न फैलाये. उन्होंने कहा कि भाजपा इस बारे में अपने सबूत सामने रख चुकी है.
उन्होंने कहा, ‘‘डाउ 1957 से भारत में है और उसकी उत्तर प्रदेश तथा महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में उपस्थिति है. महाराष्ट्र में उसके दस केन्द्र हैं, जहां कांग्रेस दस साल से शासन कर रही है.’’{mospagebreak}गुजरात में डाउ द्वारा किये गये समझौते को सही ठहराते हुए उन्होंने कहा कि यह मांट्रियल प्रोटोकाल के तहत किया गया समझौता है, जो ओजोन की पर्त के क्षरण को रोकने तथा पर्यावरण के अन्य नियमों का पालन करने के संबंध में दिशानिर्देश तय करता है. भोपाल गैस त्रासदी के सभी पहलुओं पर विचार कर रहे मंत्रिसमूह के बारे में सीतारमण ने कहा कि यदि पीडितों के लिए अच्छे पैकेज की सिफारिश आती है तो भाजपा को सबसे ज्यादा खुशी होगी लेकिन साथ ही कहा कि 1984 की त्रासदी के दोषियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए.