scorecardresearch
 

ये फूड नहीं, वोट सिक्योरिटी बिल है: बीजेपी

कांग्रेस नीत यूपीए सरकार के महत्वाकांक्षी खाद्य सुरक्षा विधेयक को ‘वोट सुरक्षा विधेयक’ करार देते हुए बीजेपी ने सोमवार को कहा कि सरकार एक योजना के तहत ‘कमी’ पैदा कर रही है ताकि लोगों को गरीब और भूखा बनाये रख कर उनका एकमात्र हमदर्द बनने का दावा कर सके.

Advertisement
X
मुरली मनोहर जोशी
मुरली मनोहर जोशी

कांग्रेस नीत यूपीए सरकार के महत्वाकांक्षी खाद्य सुरक्षा विधेयक को ‘वोट सुरक्षा विधेयक’ करार देते हुए बीजेपी ने सोमवार को कहा कि सरकार एक योजना के तहत ‘कमी’ पैदा कर रही है ताकि लोगों को गरीब और भूखा बनाये रख कर उनका एकमात्र हमदर्द बनने का दावा कर सके.

Advertisement

लोकसभा में खाद्य सुरक्षा विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए बीजेपी के डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि 2009 में राष्ट्रपति के अभिभाषण में कहा गया था कि सभी को अनाज की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार कानून बनायेगी. लेकिन सत्ता में आने के साढ़े चार साल बाद सरकार एक आधा अधूरा विधेयक लायी है और ऐसे समय में लायी है जब उसके सत्ता से जाने का समय आ गया है.

खाद्य सुरक्षा के लिए बीजेपी शासित राज्य ‘छत्तीसगढ़’ का मॉडल अपनाने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, ‘भूख किसी एक पार्टी, समुदाय या वर्ग से संबंधित नहीं होती है, भूख की ज्वाला तेज होने पर इसका असर सभी जगहों पर देखने को मिलता है. लेकिन यह सरकार गरीबों की सही संख्या बताने को तैयार नहीं है. यह जरूरी है कि संसद से गरीबों की सही तस्वीर पेश हो.’

Advertisement

'6 महीने से 3 साल के बच्चे को क्या राशन देंगे'
जोशी ने कहा कि विधेयक में छह महीने से तीन साल के बच्चे को भी शामिल किया गया है और इन्हें फोर्टिफाइड फूड देने की बात कही गई है. ‘लेकिन इस बात का उल्लेख नहीं है कि छह महीने से तीन साल के बच्चे को क्या राशन देंगे. क्या उन्हें भी गेहूं और चावल दिया जायेगा. या बहुराष्ट्रीय कंपनियां इनके लिए भोजन तैयार करेंगी क्योंकि विधेयक की चर्चा के बाद से ही बहुराष्ट्रीय कंपनियों के विज्ञापन आने शुरू हो गए हैं.’

बीजेपी नेता ने कहा कि भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के 2009 की रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रामीण क्षेत्र में सबसे गरीब व्यक्ति के अनाज की प्रतिव्यक्ति प्रति माह खपत 9.8 किलोग्राम है जबकि खाद्य सुरक्षा विधेयक में पांच किलोग्राम अनाज देने की बात कही गई है और पूरे दुनिया में हल्ला मचाया जा रहा है.

जोशी ने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से जितना अनाज दिये जाने की बात कही गई है, वह प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 166 ग्राम बनता है. उन्होंने कहा कि विधेयक में प्रति व्यक्ति के स्थान पर परिवार को आधार बनाया गया है तब क्या एक व्यक्ति का परिवार होगा या नहीं. बच्चों और बड़ों का राशन एक समान कर दिया गया है.
'मिड डे मील तो ढंग से लागू नहीं पाई सरकार'

Advertisement

उन्होंने कहा कि सरकार ‘तैयार भोजन’ देने और स्नैक्स आदि घर तक पहुंचाने की बात करती है. गांव में तो ऐसा भोजन तैयार नहीं होता है. सरकार मिड डे मील स्कीम तो ठीक ढंग से लागू नहीं कर पा रही है और सभी को घर तक भोजन पहुंचाने की बात कर जनता को गुमराह करने का काम कर रही है

'बीपीएल के आंकड़ों से गोलमाल'
बीजेपी नेता ने कहा, ‘आप (केंद्र) कहते हैं कि गरीबों की संख्या आप तय करेंगे. लेकिन क्या यह संघीय ढांचे में हस्तक्षेप नहीं करेगा. और अगर राज्यों में गरीबों की संख्या केंद्र के आंकड़े से अधिक होगी तब राज्य क्या करेंगे.’ जोशी ने कहा, ‘आप बीपीएल आंकड़ों में गोलमाल कर रहे हैं और गरीबों की संख्या अपने अनुसार घटा बढ़ा रहे हैं.’

बीजेपी नेता ने कहा कि कांग्रेस नीत सरकार खाद्य सुरक्षा विधेयक पर सिर्फ और सिर्फ दिखावा कर रही है, यह दावा कर रही है कि वहीं गरीबों की एकमात्र हमदर्द है, बाकी लोग उनके लिए सोचते ही नहीं है. उन्होंने कहा, ‘यह खाद्य सुरक्षा विधेयक नहीं बल्कि ‘वोट सुरक्षा विधेयक’ है और जनता को गुमराह करने का प्रयास है.’

Advertisement
Advertisement