जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में छाए सन्नाटे से ऐसा प्रतीत नहीं होता कि यह एक बार फिर विवादों में है. विजयदशमी के दिन जब पूरा देश रावण दहन कर अच्छाई पर बुराई की जीत मना रहा था तब यहां कांग्रेस छात्र संगठन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला जला रही थी. बुधवार आते-आते मामले ने तूल पकड़ लिया और प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दे दिए. जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष का कहना है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है.
एनएसयूआई सेक रहा सियासी रोटियां
इन पुतलों में मोदी और बीजेपी प्रमुख अमित शाह के चेहरों के अलावा योग गुरु रामदेव, साध्वी प्रज्ञा, नाथूराम गोडसे, आसाराम बापू और जेएनयू के कुलपति जगदीश कुमार के चेहरे भी थे. एबीवीपी के जेएनयू अध्यक्ष आलोक ने कहा कि दरअसल देश में कांग्रेस का और जेएनयू में एनएसयूआई का कोई वजूद रह नहीं गया है इसलिए वे ऐसे पैंतरे आजमा रहे हैं. वहीं एनएसयूआई के एक्टिंग अध्यक्ष अनिल ने कहा कि मोदी सरकार दलित विरोधी है और दशहरा पर बीआर अंबेडकर ने समाज की बुराइयों के रावण का दहन किया था इसलिए हमारा पक्ष एक दम सही है. एनएसयूआई की अध्यक्ष अमृता धवन ने कहा कि पुतला दहन हमारे नियम कायदों में नहीं है, लेकिन छात्रों ने जिस भावना और आक्रोश में ऐसा किया वह सही है.
जेएनयू छात्र संघ एनएसयूआई के साथ
ये पहली बार नहीं है कि जेएनयू के छात्र संघ सुर्खियों में आए हों. फरवरी में अफजल गुरु पर आयोजित एक कार्यक्रम में देश विरोधी नारे लगाने के लिए जेएनयू के छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया सहित दो अन्य छात्रों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज हुआ था. हालांकि मौजूदा अध्यक्ष का कहना है कि बिना वजह इस घटना को तूल दिया जा रहा है. यहां सभी अपने विचार व्यक्त कर सकते हैं. ये पहली बार नहीं है कि मोदी का पुतला फूंका गया हो.
एनएसयूआई ने जो किया वो सही- छात्र
छात्र सनी दिमान ने कहा- 'केंद्र द्वारा अपने वादों को पूरा करने में विफलता और देशभर में विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों की स्वतंत्रता पर हमले के खिलाफ हमारा ये विरोध है. समाज में आज नफरत का जहर बोया जा रहा है और पीएम जानबूझकर चुप बैठे हैं.'
सनी से पूछा गया कि इसके लिए पीएम को रावण के तौर पर दर्शाना सही है? उन्होंने कहा- 'पुतला इसलिए जलाया क्योंकि उन्होंने जो वादे किए थे वो पूरे नहीं किए. झूठ पर झूठ बोला. पीएम कहते हैं कि मुझे गोली मारो मेरे दलित भाई को छोड़ दो, पर क्यों? वो देश के पीएम हैं वो क्या नहीं कर सकते? हमारा विरोध इसी बात को लेकर है कि हम चाहते हैं कि जनता को बेवकूफ नहीं बनाया जाए. जब तक वो अपने वादे नहीं पूरे करेंगे, हमारा विरोध जारी रहेगा.'