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रविशंकर प्रसाद ने कहा- लाखों लोगों की नौकरियां छिनने की खबर गलत

मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने के मौके पर आई एक खबर से सरकार चौकन्नी हो गयी है. सूचना और प्रौद्योगकि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को इन खबरों का जोरदार खंडन किया कि I T सेक्टर में अगले तीन सालों में छह लाख लोगों की नौकरियां जाने वाली हैं

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रविशंकर प्रसाद IT मंत्री
रविशंकर प्रसाद IT मंत्री

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मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने के मौके पर आई एक खबर से सरकार चौकन्नी हो गयी है. सूचना और प्रौद्योगकि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को इन खबरों का जोरदार खंडन किया कि I T सेक्टर में अगले तीन सालों में छह लाख लोगों की नौकरियां जाने वाली हैं. रविशंकर प्रसाद ने उल्टा नैसकॉम के हवाले से ये दावा किया कि IT सेक्टर में पिछले तीन साल में छह लाख लोगों को रोजगार मिला है और आने वाले समय में भी इस सेक्टर में लाखों लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे.

दरअसल पिछले दिनों आई एक खबर के बाद इस बात को लेकर बहस छिड़ गयी थी कि करोड़ों लोगों को रोजगार दिलाने का दावा करने वाली मोदी सरकार में क्या लोगों को नौकरी मिलने के बजाय उनकी नौकरी छिनी जा रही है. पिछले दिनों बेंगलुरु की नौकरी दिलवाने के क्षेत्र में काम करने वाली कंपनी (हेड हंटर्स इंडिया) ने एक रिपोर्ट जारी करके ये आगाह किया था कि भारत में आईटी सेक्टर का जो हाल है उसमें अगले तीन सालों में हर साल करीब दो लाख लोगों की नौकरी जा सकती हैं. रिपोर्ट के मुताबिक नौकरियां जाने की वजह ये होगी कि आईटी सेक्टर में काम करने वाले आधे से ज्यादा लोग बदलती हुई तकनीक से वाकिफ नहीं है और नई जरूरतो के हिसाब से उनके पास हुनर नहीं होगा.

लेकिन मंगलवार को मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने पर अपने मंत्रालय की उपलब्धियां गिनाने के लिए बुलाई गई प्रेस कांफ्रेस में रविशंकर प्रसाद ने इन खबरों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि भारत के आईटी सेक्टर का काम लोगों को रोजगार दिलाना है न कि रोजगार छीनना. रविशंकर प्रसाद ने दावा किया कि 2025 तक देश की आईटी कंपनियों में 25 से 30 लाख नए लोगों को रोजगार मिलेगा. उनके मुताबिक फिलहाल आईटी कंपनियों ने 40 लाख प्रत्यक्ष तौर पर और 1.30 करोड़ अप्रत्यक्ष तौर पर लोगों को रोजगार दिया हुआ हैं.

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रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आईटी सेक्टर में नौकरियों का फायदा छोटे शहरों को भी मिले इसके लिए मोदी सरकार ने समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, अमरावती, इलाहाबाद जैसे तमाम छोटी जगहों पर बीपीओ खोलने का फैसला भी किया हैं.

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