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‘अच्छा होता सानिया हिन्दुस्तानी शौहर चुनतीं’

देश की मशहूर टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा और पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब मलिक के निकाह को लेकर मुल्कों में उठे तूफान के बीच उत्तर प्रदेश के काजी, मुल्ला और मौलानाओं का कहना है कि सानिया अपने ही देश के किसी योग्य युवक को अपना जीवन साथी चुनतीं तो ज्यादा बेहतर होता.

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देश की मशहूर टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा और पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब मलिक के निकाह को लेकर मुल्कों में उठे तूफान के बीच उत्तर प्रदेश के काजी, मुल्ला और मौलानाओं का कहना है कि सानिया अपने ही देश के किसी योग्य युवक को अपना जीवन साथी चुनतीं तो ज्यादा बेहतर होता.

सानिया-शोएब निकाह को लेकर उठे विवाद को अनावश्यक करार देते हुए शिया धर्मगुरु एवं आल इंडिया मुसलिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष मौलाना कल्बे सादिक ने कहा कि सानिया मिर्जा को किसी हिन्दुस्तानी से शादी करनी चाहिए थी. उन्हें पाकिस्तान के इस युवक में ऐसा क्या दिखाई दिया, जो हमारे देश के युवकों में नहीं था. सादिक ने कहा कि हमारे देश में ज्‍यादा खूबसूरत, बेहतरीन खिलाड़ी और बेजोड़ लोग है. ऐसे में बेहतर होता कि सानिया मिर्जा किसी हिन्दुस्तानी को अपना शौहर चुनतीं. उन्होंने तल्ख अंदाज में कहा कि सानिया का यह कदम उसकी वतनपरस्ती पर सवालिया निशान लगाता है. उन्होंने कहा कि चाहे वह हिन्दू हो या मुसलमान, बेहतर तो यह है कि सानिया मिर्जा को किसी भारतीय से शादी कर सच्ची देशभक्ति की मिसाल कायम करनी चाहिए थी.

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इस मामले में महिला पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाहिस्ता अम्बर ने कहा कि सानिया मिर्जा देश की शान हैं, अगर वह अपने मुल्क के ही किसी बड़े खिलाड़ी को अपने हमसफर के तौर पर चुनतीं तो बेहतर होता. उन्होंने कहा कि सानिया मिर्जा एक बेहतरीन खिलाड़ी होने के साथ साथ हमारे देश की लाडली बेटी हैं और हमें लगता है कि किसी हिन्दुस्तानी बाशिंदे को अपना शौहर चुनतीं तो ज्यादा बेहतर होता.

अम्बर ने कहा कि सानिया ने ऐसे व्यक्ति का चुनाव किया है जो पहले से ही विवादों में घिरा है. उन्होंने कहा कि अगर शोएब मलिक की पहली शादी की बात साबित हो जाती है तो पहली बीवी का हक बनता है कि उसे इंसाफ मिले, नहीं तो यह अल्लाह के हुक्म की नाफरमानी होगी.{mospagebreak}इस मामले में खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि पर्सनल लॉ के हिसाब से निकाहनामे पर हस्ताक्षर है, तो इस बात से कोई फर्क नही पड़ता कि किस लड़की की फोटो दिखाई गई है. उन्होंने कहा कि अगर आयशा उनके साथ नहीं रहना चाहती थीं, तो उन्हें दारुल कज़ा से खुला (महिलाओं का तलाक) हासिल करना चाहिए था. उन्होंने कहा कि अगर शोएब तलाक चाहते थे, तो उन्हें तलाक दे देना चाहिए था.

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महली ने कहा कि जहां तक दूसरे विवाद का प्रश्न है तो शरीयत के हिसाब से यदि आदमी को यह यकीन है कि वह दोनों पत्नियों के साथ इंसाफ कर सकता है, तो वह दूसरी शादी कर सकता है और अगर शोएब सानिया शादी करना चाहते है, तो उन्हें कोई रोक नही सकता है.

आल इंडिया यूनाइटेड मुस्लिम मोर्चा के अध्यक्ष डॉ. एम ए सिद्दीकी ने कहा कि दोनों देशों के रिश्ते शुरु से ही तल्ख रहे हैं. सानिया ने अपने खेल से राष्ट्रीय पहचान बनायी है तो पाकिस्तानी नागरिक से निकाह को लेकर देश के आम जनमानस और उनके प्रशंसकों को ठेस पहुंचना भी लाजिमी है.

लखनउ के शहर काजी इरफान मियां का मानना है कि सानिया मिर्जा का निकाह किसी हिन्दुस्तानी से होना चाहिए था. उन्होंने कहा कि मुनासिब होगा कि दोनों पक्ष अदालत में अपना पक्ष रखें और अदालत का जो भी फैसला हो, उसे स्वीकार किया जाये. उन्होंने कहा कि शरीयत के लिहाज मे दोनों बालिग और समझदार हैं, तो शादी कर रहे हैं तो कोई दखल नही बनता, जहां तक धोखे की बात है तो यह अदालत तय करेगी.

सानिया शोएब निकाह को लेकर उठे विवाद पर प्रतिष्ठित परिवार की एक महिला दरक्शन राहील सिददीकी का अपना एक अलग नजरिया है. उनका मानना है कि जब मियां बीबी राजी तो क्या करेगा काजी. उन्होंने कहा कि इस निकाह पर जो बावेला खड़ा किया जा रहा है यह ठीक वैसा ही है जैसा ‘‘बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना.’’

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