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अब इटली के एक्सपर्ट बताएंगे कैसे पटरी से न उतरे ट्रेन...

भारतीय रेलवे और इटालियन रेलवे के बीच सेफ्टी और सिक्योरिटी को लेकर आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए यह तय हुआ कि आने वाले दिनों में इटली के एक्सपर्ट भारतीय रेलवे के अलग-अलग हिस्सों का अध्ययन करेंगे. इन एक्सपर्ट्स को भारतीय रेल हादसों के बारे में मौजूद तमाम जानकारियों से रूबरू कराया जाएगा. इसके बाद इटालियन रेलवे भारतीय रेल को सुरक्षित बनाने के लिए अपने सुझाव देगी.

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भारतीय रेल
भारतीय रेल

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पहले जापान फिर दक्षिण कोरिया और अब बारी इटली की बारी है. जी हां, हम बात कर रहे हैं भारतीय रेलवे को नसीहत देने वाली विदेशी रेलवे एक्सपर्ट की टीमों का. बार-बार हो रहे रेल हादसों से परेशान होकर रेल मंत्री सुरेश प्रभु अब इटालियन रेलवे की शरण में आ गए हैं. इटालियन रेलवे के सीईओ रेनेटो मेजानसिनी (Renato Mazzoncini) ने दिल्ली पहुंच कर रेल मंत्री सुरेश प्रभु से मिले.
इस मुलाकात के दौरान भारतीय रेलवे की सेफ्टी और सिक्योरिटी के बारे में लंबी बातचीत हुई. भारतीय रेलवे और इटालियन रेलवे के बीच इस सिलसिले में सहयोग के लिए आपसी करार पर भी हस्ताक्षर हुए. इटालियन रेलवे ने अपने सेफ्टी और सिक्योरिटी संस्था ब्यूरो वेरिटास (Bureau Veritas) के जरिए भारतीय रेलवे के सेफ्टी ऑडिट का जिम्मा उठाने का ऑफर दिया. रेल मंत्री ने इस ऑफर पर सहमति भी जताई.

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भारतीय रेलवे और इटालियन रेलवे के बीच सेफ्टी और सिक्योरिटी को लेकर आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए यह तय हुआ कि आने वाले दिनों में इटली के एक्सपर्ट भारतीय रेलवे के अलग-अलग हिस्सों का अध्ययन करेंगे. इन एक्सपर्ट्स को भारतीय रेल हादसों के बारे में मौजूद तमाम जानकारियों से रूबरू कराया जाएगा. इसके बाद इटालियन रेलवे भारतीय रेल को सुरक्षित बनाने के लिए अपने सुझाव देगी.

चालू वित्त वर्ष में हुए 94 रेल हादसे
गौरतलब है कि चालू वित्त वर्ष में 31 जनवरी तक 94 रेल हादसे हुए. पिछले साल इनकी संख्या 93 थी. चिंता की बात यह है कि इस साल पटरी से रेलगाड़ियां उतरने की घटनाओं में बढ़ोत्तरी हुई है. बार-बार हो रहे रेल हादसों से निपटने के लिए रेल मंत्री ने जापान दक्षिण कोरिया और इटली के रेलवे एक्सपर्ट से मदद मांगी थी.
सबसे पहले जापान और उसके बाद दक्षिण कोरिया से आई रेलवे की एक्सपर्ट टीमों ने हाल ही में हुए रेल हादसों की जगहों का दौरा किया और रेलवे के आला अफसरों के साथ बैठकें कीं. जापान और दक्षिण कोरिया की रेलवे एक्सपर्ट टीमों ने अध्ययन करने के बाद अब अपनी रिपोर्ट तैयार करनी शुरू कर दी है और उम्मीद की जा रही है कि वह जल्द ही रेल मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंप देंगे.

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इधर रेल मंत्री सुरेश प्रभु की गुहार पर विदेशी टीमें भारतीय रेलवे की मर्ज का इलाज ढूंढने के लिए बारी-बारी से आ रही हैं. तो वहीं इसको लेकर रेलवे बोर्ड काफी पशोपेश में है. वजह यह है कि बाहर से आ रही विदेशी टीमें कहीं ना कहीं यह दिखा रही हैं कि भारतीय रेलवे के इंजीनियर और अफसरों पर रेलमंत्री का भरोसा नहीं है. ऐसे में रेलवे बोर्ड के अंदर भी रेल हादसों को लेकर गंभीर मंथन चल रहा है.


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