दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी इटली के दोनों नौसैनिक भारत लौट रहे हैं. संसद में विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा है कि उन्हें सजा-ए-मौत नहीं होगी. आरोपी इटली के दो नौसैनिकों के भारत लौटने के लिए सुप्रीम कोर्ट की समय सीमा शुक्रवार को खत्म हो रही है.
दोनों नौसैनिक स्पेशल विमान से शुक्रवार सुबह 10 बजे तक भारत पहुंच जाएंगे. इसी के साथ भारत की यह बड़ी कूटनीतिक जीत हुई है. इटली की सरकार ने कहा है कि दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोप का सामना कर रहे अपने दो मरीनों को वह भारत वापस भेजेगी.
इटली का यह ऐलान उसके विदेश मंत्रालय के पहले के फैसले से ठीक उलट है जिसमें कहा गया था कि दोनों आरोपी नौसैनिक भारत वापस नहीं भेजे जाएंगे. गौरतलब है कि मेसिमिलिएनो लैटोर और सैल्वाटोर जाइरोन नाम के दोनों मरीनों को इटली के चुनावों में मतदान के लिए स्वदेश जाने की अनुमति दी गयी थी लेकिन इस शर्त पर कि वे मुकदमे का सामना करने के लिए 22 मार्च तक भारत लौट जाएंगे.
पिछले साल फरवरी में दोनों मरीनों ने केरल के समुद्र तट के पास दो मछुआरों की कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी थी. इटली की दलील है कि एक अंतरराष्ट्रीय समुद्री लूट विरोधी अभियान के दौरान अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में गोलियां चलीं और इसलिए इस मामले में इसमें इटली का अधिकार-क्षेत्र होना चाहिए था.
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इटली पर अपने गुस्से का इजहार करते हुए कहा था कि इटली को दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी अपने दो नौसैनिकों को लेकर सुप्रीम कोर्ट से किया गया वादा पूरा करना चाहिए.
सोनिया ने यह बात कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में पार्टी के सांसदों से कही. सुप्रीम कोर्ट ने 14 मार्च को कहा था कि इटली के राजदूत उसकी अनुमति के बगैर देश छोड़कर नहीं जा सकते. कोर्ट ने सोमवार को जारी एक अन्य आदेश में प्रशासन से यह सुनिश्चित करने को कहा कि इटली के राजदूत डेनियल मेंसिनी देश छोड़कर न जा पाएं.
सुप्रीम कोर्ट का आदेश इटली द्वारा अपने नौ सैनिकों को भारत भेजने से इंकार किए जाने के बाद आया था, जिनके खिलाफ यहां दो भारतीय मछुआरों की हत्या के सिलसिले में मुकदमा चल रहा है.
कोर्ट ने आरोपी नौ सैनिकों को अपने देश के आम चुनाव में भाग लेने के लिए जाने की अनुमति दी थी. तब भारत में इटली के राजदूत मेंसिनी ने कोर्ट को भरोसा दिलाया था कि आरोपी नौसैनिक चुनाव में भाग लेने के बाद यहां लौट आएंगे. लेकिन बीते सप्ताह इटली ने इससे इंकार कर दिया.