भारत चीन सरहद पर तैनात होने वाली ITBP की महिला कमांडोज को इस समय ITBP एकैडमी में खास तरीके की ट्रेनिंग दी जा रही है. इन महिला कमांडो को 'वॉटर एंड सैंड' ट्रेनिंग देकर खासतौर से निखारा जा रहा है. महिला कमांडो को इस ट्रेनिंग के दौरान जहां बालू में जूडो-कराटे सिखाने की ट्रेनिंग दी जा रही है. वहीं, अलग-अलग तरीके की 'अन आर्म्ड कॉम्बैट' ट्रेनिंग देकर मजबूत किया जा रहा है.
इस ट्रेनिंग के बाद ITBP की महिला कमांडो भारत चीन सरहद पर तैनात होंगी. यमुना नदी के किनारे दी जा रही ये ट्रेनिंग 10 हफ्ते तक चलेगी. इसमें पहाड़, नदी, घने जंगल, हाई एल्टीट्यूड ग्राउंड्स के अलावा बिना हथियार कॉम्बैट ट्रेनिंग, रॉक क्लाइम्बिंग और एक्सप्लोसिव के सेशन होने हैं.
महिला कमांडो को ट्रेनिंग के दौरान विशेष तरीके का प्रशिक्षण दिया जाता है. इसमें वॉटर ऑब्स्टेकल को तो पार करना होता ही है. साथ ही पानी के अंदर अपने आप को कैसे मजबूत करना है इसके लिए खास तरीके की वॉटर पंचिंग की ट्रेनिंग भी दी जाती है. यही नहीं इन महिला कमांडो को शिवपुरी में राफ्टिंग के साथ-साथ माउंटेन स्नाइपर की भी ट्रेनिंग देकर दक्ष किया जा रहा है. इस ट्रेनिंग में महिला कमांडो को चार से पांच घंटे तक जमीन के अंदर रखकर ट्रेनिंग दी जाती है.
इन महिला कमांडो को कई चरणों की ट्रेनिंग के जरिए गुजरना पड़ता है. इसमें एडवेंचर स्पोर्ट्स, हाई एल्टीट्यूड में सर्वाइवल की ट्रेनिंग, माउंटेन वॉरफेयर, जंगल वॉरफेयर स्कीइंग, रिवर राफ्टिंग, रॉक क्लाइम्बिंग, रॉक-आइस, क्राफ्ट और ग्लेशियर ट्रेनिंग आदि शामिल हैं.
अलग अलग तरीके की अन आर्म्ड कॉम्बैट ट्रेनिंग पाने के लिए 2 हजार ITBP की महिला जवानों को चुना गया है. इनमें से एक हजार से ज्यादा महिला जवानों को भारत चीन सरहद पर तैनात किया जा चुका है. ITBP इस तरीके की खास ट्रेनिंग से महिला कमांडो को और बेहतर बनाती है.