scorecardresearch
 

देश के जनता की क्रांति हैः अरविंद केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस की सत्ता को उखाड़ फेंकने की पुरजोर वकालत करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन अन्ना या अरविंद की नहीं बल्कि देश के जनता की है.

Advertisement
X
अरविंद केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल

लोगों का विश्‍वास देश की दोनों बड़ी राजनीतिक पार्टियों से उठ गया है. भ्रष्‍टाचार के खिलाफ हमने कई बार आंदोलन चलाए लेकिन सरकार सुनने तक को तैयार नहीं है. कुछ राजनीतिक दल कह रहे हैं कि आप खुद जीत कर आएं और अपने मनमुताबिक कानून बना लें. और जब हमने राजनीतिक विकल्‍प देने की बात की तो इन लोगों ने कहना शुरू कर दिया कि आप राजनीति कर रहे हैं. ये कहना है भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना के आंदोलन के सिपाही अरविंद केजरीवाल का.

Advertisement

अरविंद केजरीवाल इंडिया टुडे ग्रुप के माइंड रॉक्‍स यूथ समिट 2012 में युवाओं को संबोधित कर रहे थे. अरविंद में मंच पर कहा कि देश की जनता और आप युवा आगे आ जाएं तो इस देश में बदलाव संभव है.

इंडिया टुडे माइंड रॉक्‍स समिट 2012 में ‘योर इंडिया, योर टुडेः हाउ टू मेक योर वोट एण्ड वॉयस काउंट’ सेशन को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस की सत्ता को उखाड़ फेंकने की पुरजोर वकालत की. उन्होंने कहा, जबतक हम सत्ता को नहीं उखाड़ फेंकेंगे तबतक हम चैन नहीं लेंगे.’

अरविंद ने अपने कमिश्नर बनने के समय की बात बताई. अरविंद ने कहा, ‘जब मैं कमिश्नर बना तो पूरे परिवार ने पड़ोस में लड्डू बांटा. किसी ने नहीं कहा कि ये इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में जा रहा है वहां बहुत कमायेगा.’

Advertisement

अरविंद ने कहा कि बीते जमाने के राजनीतिक लोग देशभक्त के रूप में जाने जाते थे लेकिन आज के राजनीतिक लोग सत्तालोभी हो गए हैं.

अरविंद ने कहा, ‘बाबा साहब अंबेडकर, सरदार बल्लभ भाई पटेल सरीखे लोगों ने चुनाव लड़ा लेकिन वो देशभक्त थे ना कि सत्ता के लालची.’

अरविंद ने एक प्रसंग का वर्णन किया. उन्होंने कहा, ‘एक बार मैं और मनीष आपस में बात कर रहे थे. मुद्दा था कि क्या पॉलिटिक्स बदल सकती है. वहीं समीप में एक सज्जन बैठे थे. वो हमारी बातें सुन रहे थे.’

मैं मनीष से कह रहा था, ‘ये राजनीतिक क्रांति होगी, अगर ये आंदोलन संसद के अंदर पहुंचता है तो किसी को लालबत्ती की गाड़ी, सुरक्षा और बड़े-बड़े मकान नहीं मिलने चाहिए. उन्हें एक कमरे के मकान में रहना होगा. कोटा बंद हो, एमपी, एमएलए फंड बंद हो’

तभी वो सज्जन उठकर मेरे पास आए और कहा, ‘मैं आपकी पार्टी का टिकट लेने आया था लेकिन आपकी बातें सुनकर यही लगता है कि जब कुछ मिलना नहीं है तो टिकट लेकर क्या करूंगा. तो आज कि पॉलिटिक्स किस जगह पर है ये इसी बात से पता चलता है. ये केवल कुर्सी की ताकत की राजनीति है.’

अरविंद ने कहा, ‘हमारा आंदोलन आम लोगों का आंदोलन था. जनता की मर्जी से विकल्प देने की बात की गई. क्या कांग्रेस पार्टी देश को भविष्य दे सकती है. क्या बीजेपी देश को भविष्य दे सकती है या कोई भी पार्टी देश को भविष्य दे सकती है.’

Advertisement

इस सेशन में कांग्रेस सांसद संदीप दीक्षित भी वक्ता थे और उन्होंने अरविंद के आंदोलन के समर्थन में कहा कि हमारी संस्थाओं में समय के साथ कमजोरियां आई हैं. लेकिन अरविंद और उनके मित्रों के आंदोलन से हमारी राजनीतिक संरचना को संभवतः कुछ बदलाव देखने को मिले. उन्होंने कहा राजनीति में आपके आवाज की महत्ता है, ‘आवाज को प्रभावशाली करने वाले संगठनों की बहुत आवश्यकता है.’

अरविंद के राजनीति में उतरने की सराहना करते हुए संदीप दीक्षित ने कहा, ‘आशा हमेशा ही सकारात्मक होनी चाहिए. पॉलिटिक्स में आपको चेहरा दिखाने वाला आईना भी होना चाहिए. आज आवाज प्रबल करने वाली संस्थाएं भी बहुत जोरों से चाहिए. इससे बेहतर राजनीतिक संरचना का निर्माण होता है.’

उन्होंने कहा, ‘मैं अपनी पार्टी के बचाव में कुछ नहीं कहना चाहता हूं. क्योंकि मैं जिस संगठन से जुड़ा हूं उसमें मेरा पूर्ण विश्वास है.’ हालांकि उन्होंने कहा कि बदलाव अवश्यंभावी है जो बेहतर राजनीतिक व्यवस्था का निर्माण करता है.

अरविंद के राजनीति में उतरने का स्वागत करते हुए संदीप दीक्षित ने कहा, ‘मैं आपके आंदोलन और उसके राजनीतिक स्वरूप का स्वागत करता हूं. लोकपाल बिल बनाने के दौरान जिस तरह से आप और आपके साथियों ने कई सुझाव दिए और रास्ता दिखाया मैं उम्मीद करता हूं कि आपका साथ राजनीति के लिए अच्छा होगा.’

Advertisement

सेशन के दौरान अरविंद से जब यह सवाल पूछा गया कि क्या ये वैचारिक सफलता मिलने का पूरा विश्वास है तो उन्होंने दो उदाहरण देकर बताया. उन्होंने कहा, ‘हमारे आंदोलन के दौरान एक पुलिसवाले ने बताया कि वो रिश्वत लेता था लेकिन अन्ना के आंदोलन के प्रभाव में उसने रिश्वत लेना छोड़ दिया. इसी तरह एक व्यक्ति की ऑल्टो गाड़ी चोरी हो गई जो हमारे आंदोलन के दौरान मिल गई और उसपर अन्ना का स्टिकर चिपका था और वाईपर में एक नोट था जिसपर लिखा था अन्ना की गाड़ी अन्ना को मुबारक. तो जिसदिन लोगों में भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरुकता आ जाएगी तो सुधार खुद-ब-खुद हो जाएगा.’

अरविंद से यह पूछने पर कि चुनाव प्रचार के लिए पैसा कहां से आएगा तो उन्होंने कहा, ‘जिस दिन इस देश का हर बच्चा और औरत हमारे लिए प्रचार करने लगा तो हमें पैसे की जरूरत कहां पड़ेगी.’

अरविंद ने अपने संबोधन के दौरान कहा, ‘मुझे लगता है कि ये मौका खो गया तो पता नहीं दूसरा मौका कब मिलेगा. शायद दूसरा मौका 40-50 साल बाद मिलेगा.’

जब अरविंद से यह सवाल पूछा गया कि आप कैसे अच्छे और ईमानदार लोग लाएंगे तो अरविंद ने कहा, ‘हम दूसरे देशों में चुनाव प्रणाली की स्टडी कर रहे हैं. हम अपने कैंडिडेट का डिटेल साइट पर प्रकाशित करेंगे और लोगों को तीन महीने का समय देंगे कि हमारे कैंडिडेट के खिलाफ कोई भ्रष्टाचार का सबूत लाए. इसके अलावा हमारी पार्टी सत्ता में आई तो दस दिन के अंदर जनलोकपाल आना चाहिए. अगर कोई सांसद बनने के बाद भ्रष्टाचार में लिप्त पाया गया तो तीन महीने के अंदर भ्रष्ट सांसद का ट्रायल पूरा होना चाहिए जिससे 6 महीने में उसे जेल भेजा जा सके.’

Advertisement

इसके साथ ही अरविंद ने कहा कि सांसद निकम्मे हैं तो हम 5 साल तक क्यूं करे इंतजार इसके लिए ‘राइट टू रिकॉल’ आना चाहिए.

Advertisement
Advertisement