भारतीय भारोत्तोलक महासंघ ने आज भारतीय खेल प्राधिकरण के कोच रमेश मल्होत्रा को निलंबित कर दिया. सिडनी ओलंपिक की कांस्य पदकधारी कर्णम मल्लेश्वरी ने मल्होत्रा पर जूनियर भारोत्तोलकों के साथ यौन उत्पीड़न करने के आरोप लगाये थे.
मल्होत्रा का नाम की आईडब्ल्यूएफ ने पिछले दो साल द्रोणाचार्य पुरस्कार से लिये सिफारिश की थी . उन्हें तुरंत प्रभाव से बेंगलूर के साइ केंद्र से पद से निलंबित कर दिया गया है.
आईडब्ल्यूएफ के महासचिव सहदेव यादव ने कहा, ‘‘हमने मल्होत्रा को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया है और उन्हें बेंगलूर के साइ केंद्र से राष्ट्रमंडल कोर ग्रुप के भारोत्तोलकों के साथ कोचिंग करने से भी हटा दिया गया है.’’
जूनियर भारोत्तोलकों के साथ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिये आज महासंघ ने तीन सदस्यीय समिति गठित की. इस समिति की अगुवाई आईडब्ल्यूएफ के उपाध्यक्ष कुंबासी सुब्रमण्या करेंगे जो सात दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट महासंघ को सौंपेंगे. इस समिति के अन्य दो सदस्य अनुभवी कोच पाल सिंह संधू और आईडब्ल्यूएफ के संयुक्त सचिव मदन लाल साल्वी हैं.
मल्लेश्वरी ने भारतीय खेल प्राधिकरण के एक कोच पर एक दशक से भी ज्यादा समय से जूनियर भारोत्तोलकों से यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था.
यादव ने कहा कि मौजूदा संस्था ने पिछले साल दिसंबर में ही कार्यभार संभाला है और इसके बाद से किसी खिलाड़ी ने किसी कोच या अधिकारी के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत नहीं की.
यादव ने कहा, ‘‘हमने पिछले साल दिसंबर से ही भार संभाला है और हमें किसी खिलाड़ी या किसी से किसी कोच या अधिकारी के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत नहीं मिली है.’’
यादव ने कहा, ‘‘लेकिन हम किसी भी चीज को नजरअंदाज नहीं करना चाहते इसलिये हमने तीन सदस्यीय समिति गठित करने का फैसला किया है जो इन आरोपों की जांच करेगी.’’ यादव पिछली कार्यकारी समिति में कोषाध्यक्ष थे. महासंघ ने इस बात से इंकार किया कि मल्लेश्वरी ने फरवरी में उदयपुर में हुई कार्यकारी समिति की बैठक में यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था.
उन्होंने कहा, ‘‘कार्यकारी समिति के किसी भी सदस्य से उदयपुर में हुई बैठक के दौरान कोई भी आपत्ति और शिकायत नहीं मिली थी.’ हालांकि संभावना है कि समिति आईडब्ल्यूएफ की उपाध्यक्ष मल्लेश्वरी को इस मामले में अपना पक्ष रखने के लिये नहीं बुलायेगी.
यादव ने कहा, ‘‘इस पर फैसला करना समिति का काम है. लेकिन समिति बीते रिकार्ड को देखेगी कि खिलाड़ियों समेत किसी ने कोचों और अधिकारियों के खिलाफ इस तरह की यौन उत्पीड़न की शिकायत की है या नहीं.’