मनी लॉन्डरिंग के एक मामले में अब तक की अपनी सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आंध्र प्रदेश में एक ढांचागत परियोजना में कथित भ्रष्टाचार की जांच के संबंध में वाईएसआर कांग्रेस के नेता जगनमोहन रेड्डी और उनके सहयोगियों की 863 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियां बुधवार को कुर्क कर लीं.
ईडी ने जगन और निम्मगड प्रसाद के खिलाफ अलग अलग नोटिस जारी किए. इन लोगों की कंपनियों का तत्कालीन आंध्र प्रदेश सरकार ने वदरेवु व निजामपत्तनम औद्योगिक गलियारा (वानपिक) परियोजना में पक्ष लिया था. उस समय, जगन के पिता वाईएस राजशेखर रेड्डी आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री थे.
वानपिक परियोजना का उद्देश्य आंध्रप्रदेश के तटीय इलाकों में एक बंदरगाह एवं एक नया हवाईअड्डा विकसित करने के अलावा प्रकाशम व गुंटूर जिलों में औद्योगिक गलियारा विकसित करना था. प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में एक सीबीआई एफआईआर के आधार पर 2012 में व्यक्तियों एवं सहायक फर्मों के खिलाफ मनी लॉन्डरिंग रोधी कानून (पीएमएलए) के तहत आपराधिक जांच दर्ज की थी.
प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि इस सौदे में परस्पर लेनदेन हुआ और अवैध धन एक हाथ से दूसरे हाथ में गया. ईडी की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि निम्मगड प्रसाद द्वारा बनाई गई कंपनियों को वानपिक परियोजना के तहत विभिन्न रियायतें दी गईं, जिनमें सरकारी भूमि का औने पौने दाम में आवंटन, स्टांप शुल्क एवं पंजीकरण शुल्क में छूट आदि शामिल हैं.
प्रवर्तन निदेशालय ने सीबीआई के आरोप पत्र के आधार पर कार्रवाई की है. आरोप पत्र में कहा गया है कि भूमि अधिग्रहण के मामले में प्रसाद को 1,426.17 करोड़ रुपये का अवैध लाभ पहुंचाया गया एवं प्रसाद व उनकी कंपनियों द्वारा इसके बदले में जगन व उनकी कंपनियों को 854.54 करोड़ रुपये उपलब्ध कराया गया. घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने कहा कि किसी मनी लॉन्डरिंग मामले में ईडी द्वारा की गई यह सबसे बड़ी कुर्की की कार्रवाईयों में है. इन संपत्तियों को अब जब्त किया जाएगा.
ईडी के नोटिस के मुताबिक जिन संपत्तियों को कुर्क किया गया है उनमें जगन और उनकी कंपनियों. मेसर्स कैरमेल एशिया होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड व जगति पब्लिकेशंस लिमिटेड की संपत्तियां और प्रसाद व उनकी कंपनियों जी2 कारपोरेट सर्विसेज, अल्फा विलास, अल्फा एवेन्यूज, गिलक्रिस्ट इनवेस्टमेंट, सुगुनी कंस्ट्रक्शंस व बीटा एवेन्यू की संपत्तियां शामिल हैं.
सूत्रों ने कहा कि कुर्क की गई संपत्तियों को व्यापक तौर पर विभिन्न वित्तीय प्रतिभूतियों में बांटा गया है. जहां परियोजना के 365.45 करोड़ रुपये के शेयर, संयंत्र व मशीनरी कुर्क की गई है, वहीं जगति पब्लिकेशंस के नाम 4.14 करोड़ रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट, इंदिरा टेलीविजन के 10.44 करोड़ रुपये के शेयर व 11 करोड़ रुपये मूल्य की जगन की विभिन्न संपत्तियों को कुर्क किया गया है.
यह इस मामले में ईडी द्वारा कुर्की की चौथी कार्रवाई है. पहले की 3 कार्रवाईयों में 265 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई थी. ताजा आदेश में प्रसाद और कुछ अन्य कंपनियों द्वारा संदूर पावर कं. लि., संदूर पावर पब्लिक लि. और अन्य कंपनियों के शेयर और संपत्तियों को जब्त किया गया है.