दिल्ली में गैंगरेप की घटना की वजह से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नया साल नहीं मनाने का ऐलान किया है. लेकिन, खुद उनके ही राज्य में बेहद बर्बरता से हुए एक गैंगरेप के मामले में अबतक पीड़ित को इंसाफ नहीं मिला है. गैंगरेप पीड़ित एक बच्ची 133 दिनों से अस्पताल में है.
जयपुर के एक अस्पताल में भर्ती इस लड़की की कहानी भी दिल्ली गैंगरेप की पीड़ित जैसी ही है. बच्ची का हौसला है कि वो अब बैठ पा रही है, वरना तो दरिंदों ने मौत के मुंह में ही झोंक दिया था.
दरिंदों ने सबके सामने इस लड़की को जीप से खींच लिया और इसके साथ वही वहशीपन हुआ, जो दिल्ली गैंगरेप की पीड़ित के साथ हुआ था.
20 अगस्त 2012 की रात जब लड़की अपने परिवार के साथ फिल्म देखकर लौट रही थी. तब इस बच्ची को सीकर जिले में अगवा कर लिया गया. बदमाशों ने बच्ची के साथ गैंगरेप किया और लहूलुहान हालत में इसे फेंक कर फरार हो गए.
हैवानियत के जख्म इतने गहरे फैले हुए थे कि डॉक्टरों को भी इन्हें पूरी तरह से ढूंढ़ और समझ पाने में 4 घंटे लग गए.
घटना के करीब 4 महीने बाद भी डॉक्टर ये नहीं बता सकते कि ये बच्ची कब पूरी तरह से ठीक हो पाएगी. एक और बड़ा ऑपरेशन अभी बाकी है.
दूसरी तरफ मुख्यमंत्री हवा में बने अपने कानून का डंडा दिखा रहे हैं. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मुताबिक राजस्थान ने सबसे पहले फास्ट ट्रैक कोर्ट की घोषणा की थी.
हद तो तब हो गई जब इस मामले के 6 आरोपियों में से 4 जेल में है और दो को जमानत मिल गई.