बीजेपी के पीएम प्रत्याशी नरेंद्र मोदी को केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने खुली चुनौती देते हुए पूछा है कि क्या वे बीएसपी के संस्थापक कांशीराम के उस बयान से सहमत हैं जिसमें कहा गया था कि अयोध्या में विवादित ढांचे की जगह शौचालय बनाया जाना चाहिए.
मोदी बोले, पहले शौचालय, बाद में देवालय बनने चाहिए
दरअसल, बुधवार को नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान में कहा था कि भले ही मेरे छवि हिंदुत्ववादी नेता की हो पर मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता यह कहने में कि देश में देवालय से ज्यादा शौचालय जरूरी हैं.
मोदी पर निशाना साधते हुए जयराम रमेश ने कहा कि 1992 के मोदी तो कांशीराम के उस बयान से सहमत नहीं थे, पर अब जब उन्होंने यह बयान दिया है, तो मेरा सवाल यही है कि क्या वह कांशीराम से सहमत हैं?
जयराम के शौचालय व मंदिर वाले बयान पर मचा था बवाल
मोदी के शौचालय वाले बयान पर निशाना साधते हुए कहा कि 2011-12 में गुजरात सरकार ने दावा किया था कि ग्रामीण इलाकों में लगभग 82 फीसदी घरों में शौचालय हैं, पर सही आंकड़ा सिर्फ 34 फीसदी है. इससे विकास के दावे पूरी तरह से सामने आ जाते हैं.
बीजेपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, 'अब मेरे बीजेपी के दोस्त क्या कहेंगे. मोदी के बयान पर वो क्या राय रखते हैं. जब मैंने कुछ ऐसा ही बयान दिया था तो विरोध हुआ. राजीव प्रताप रुडी और प्रकाश जावड़ेकर ने मुझपर धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया. पर अब वे क्या कहेंगे. इनके अलावा कुछ संगठनों ने विरोध का बेहद ही खराब तरीका अपनाया और मेरे घर के सामने पेशाब की बोतल रख दी.'
मोदी पर निशाने साधते हुए उन्होंने कहा, चलो देर से ही सही पर मोदी को ज्ञान तो मिला. पर उनकी ये बयानबाजी सिर्फ राजनीति के कारण है क्योकि गुजरात के सीएम पीएम बनने का सपना देख रहे हैं. मोदी के हर रोज नए अवतार होते हैं. वे दशावतर नहीं शतावतार का कारनामा करेंगे.'