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Exclusive : खुफिया रिपोर्ट- घुसपैठ की ताक में जैश-ए-मोहम्मद के 150 आतंकी

ख़ुफ़िया सूत्रों के मुताबिक़ जैश के आतंकियों को पाक आर्मी और आईएसआई के निर्देश के अनुसार खास तरीके की ट्रेनिंग दी जा रही है, इसलिए पाकिस्तान उन पर ज्यादा भरोसा जता रहा है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

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पाकिस्तान रमजान के महीने में भी अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. वह सीमावर्ती भारतीय गांवों को अपना निशाना बना रहा है. खुफिया जानकारी के मुताबिक एक ओर जहां पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर आम लोगों को निशाना बनाने में जुटा हुआ है तो दूसरी तरफ कश्मीर घाटी के लिए उसने अलग प्लान तैयार किया है.

घुसपैठ के लिए ट्रेनिंग

'आजतक' को मिली जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई अब जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों पर सबसे ज्यादा भरोसा कर रही है और उन्हें फिदायीन दस्ता बनाकर कश्मीर घाटी में बड़ी वारदात को अंजाम देने की कोशिश में लगा हुआ है. आईएसआई पाक अधिकृत कश्मीर के नयाली में जैश-ए-मोहम्मद के 150 आतंकवादियों को ट्रेनिंग दिला रहा है. इन्हें सीमा पार से घुसपैठ कराने की योजना है. इस ट्रेनिंग में इन आतंकियों का ब्रेनवाश करने के लिए जैश-ए-मोहम्मद का सेकंड इन कमांड 'अब्दुल रऊफ' कई बार नायली के इस आतंकी कैम्प का दौरा कर चुका है.

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ख़ुफ़िया सूत्रों के मुताबिक़ जैश के आतंकियों को पाक आर्मी और आईएसआई के निर्देश के अनुसार खास तरीके की ट्रेनिंग दी जा रही है, इसलिए पाकिस्तान उन पर ज्यादा कारगर मानता है. सूत्रों के मुताबिक़ पाक अधिकृत कश्मीर से भर्ती किए गए आतंकियों को टेक्निकल ट्रेनिंग के लिए जैश ए मोहम्मद के आका उनको बहावलपुर में अपने हेड ऑफिस के अंडरग्राउंड टेक रूम में "टेक्निकल वॉर" की ट्रेनिंग देते हैं.

उकसाते हैं हमले के लिए

सूत्रों के मुताबिक पहले चरण की ट्रेनिंग के बाद जैश-ए-मोहम्मद अपने जिहादी ग्रुप को ग्राउंड ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के कैम्प में भेजती है. यहीं पर इनको भारतीय सुरक्षा बलों पर फ़िदायीन हमले करने के लिए उकसाया भी जाता है.

बता दें कि कश्मीर घाटी में इस साल जनवरी से लेकर अब तक 70 आतंकवादियों को सुरक्षाबलों ने ढेर किया है. रिपोर्ट के मुताबिक इसमें 28 से ज्यादा विदेशी आतंकी हैं. इनमें सबसे ज्यादा जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी मारे जा चुके हैं. सुरक्षा बलों ने जब से ऑपरेशन ऑल आउट -2 शुरू किया है तब से आतंकियों के बड़े-बड़े कमांडर ढेर हो चुके हैं.

फंड जुटाने की कवायद

ख़ुफ़िया रिपोर्ट ने ये भी खुलासा किया है कि जैश के आका नए आतंकियों की भर्ती और संस्था के लिये फंड जुटाने का काम कर रहे हैं. जैश ए मोहम्मद का लीडर अब्दुल रऊफ असगर ने हाल ही में पाकिस्तान के कराची में दौरा-ए-तफसीरियात-अल-जिहाद को संगठित कर मजहब के नाम पर पैसे दान करने के लिए कहा.

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आतंकी सरगना अब्दुल रऊफ ने कराची में 6 दिनों तक चलाए गए दौरा-ए-तफसीरियात-अल -जिहाद में लोगों से गुजारिश किया कि जैश के ट्रस्ट अल -रहमत में पैसे इकट्ठा करें. सूत्रों के मुताबिक जब जैश के आतंकियों ने पठानकोट एयरबेस पर हमला किया था तो उस समय भी आतंकियों को पैसा देने और लॉजिस्टिक सपोर्ट के लिए अल रहमत ट्रस्ट के जरिए फंड की उगाही की गई थी.

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