कांग्रेस पार्टी ने सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर विदेश सचिव एस जयशंकर की टिप्पणी का हवाला देते हुए मोदी सरकार पर हमला किया और कहा है कि सरकार ने लोगों से झूठ बोला था कि इससे पहले पाकिस्तान में घुसकर कार्रवाई नहीं हुई थी. कांग्रेस ने कहा कि विदेश सचिव की टिप्पणी से हालिया लक्षित हमलों के बारे में भाजपा एवं मोदी सरकार का झूठ बेनकाब हो गया है. गौरतलब है कि रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सर्जिकल स्ट्राइक पर बोलते हुए कहा था कि इस तरह की कार्रवाई सीमा पार जाकर इससे पहले नहीं हुई थी जैसी 28-29 सितंबर की रात को इंडियन आर्मी ने पीओके में घुसकर किया.
पहले भी हुई है सीमा पार कार्रवाई
विदेश सचिव एस. जयशंकर ने कहा था कि पूर्व में भी सीमा पर जाकर लक्ष्य आधारित कम क्षमता वाले आतंकवाद निरोधक अभियान होते रहे हैं. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने उम्मीद जताई कि जयशंकर पर उनकी पूववर्ती सुजाता सिंह की तरह सत्य बोलने एवं भाजपा के कपट को बेनकाब करने के लिए गाज नहीं गिरेगी.
Modi Govt's rhetoric, bravado & machismo's exposed by FS, Jaishankar. Amit Shah's & Parrikar's lies lie exposed. 1/2 https://t.co/25bRlCk28b
— Randeep S Surjewala (@rssurjewala) October 19, 2016
2/2 Hope FS Jaishankar won't get axed like Sujatha Singh for speaking the truth qua valour of Armed Forces & exposing BJP's deception.
— Randeep S Surjewala (@rssurjewala) October 19, 2016
मोदी सरकार को घेरा
सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा- मोदी सरकार की वाकपटुता, डींग, शौर्य को विदेश सचिव ने बेनकाब कर दिया है. अमित शाह एवं पर्रिकर का झूठ बेनकाब हो गया है. उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा- उम्मीद है कि सशस्त्र बलों के शौर्य की भूमिका और भाजपा के कपट को बेनकाब करने के लिए सत्य बोलने पर विदेश सचिव जयशंकर पर सुजाता सिंह की तरह गाज नहीं गिरेगी. इससे एक दिन पहले ही एक संसदीय समिति को बताया गया कि सेना ने विशिष्ट लक्ष्यों वाले सीमित क्षमता के आतंकवाद निरोधक अभियान को पूर्व में अंजाम दिया किन्तु ऐसा पहली बार हुआ है कि सरकार ने इसको सार्वजनिक किया है.
संसदीय समिति के सामने विदेश सचिव ने दिया था बयान
विदेश सचिव ने यह सूचना विदेश मामलों की संसदीय समिति को दिया जो पर्रिकर द्वारा किये गये दावों के विपरीत हैं. सूत्रों ने बताया कि जयशंकर ने यह टिप्पणी उस समय की जब सांसदों ने उनसे यह स्पष्ट तौर पर पूछा कि क्या पूर्व में लक्षित हमले किये गये थे.