सरकार ने मंगलवार को संसद में विपक्ष से अपील की है कि वह देश के के विकास में बाधा ना डाले, क्योंकि देश को अपनी विकास दर को अगले वर्ष तक 8 प्रतिशत से अधिक ले जाकर चीन से आगे निकलने का ऐतिहासिक अवसर मिला है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह भी कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था में विकास दर को बढ़ाये बिना वर्तमान संसाधनों के पुनर्वितरण की गलती को नहीं दोहराएगी. वृद्धि दर को 7 से 8 प्रतिशत तक ले जाकर अपने संसाधनों को इतना सक्षम बनाएगी, ताकि गरीबी उन्मूलन एवं सामाजिक सुरक्षा के लिए पर्याप्त धन दिया जा सके.
जेटली के जवाब के बाद सदन ने 2015-16 के लिए लेखानुदानों की मांगों और वर्ष 2014-15 की अनुदान की अनुपूरक मांगों और उससे संबंधित विनियोग विधेयकों को अपनी मंजूरी दे दी. इसके साथ ही आम बजट का पहला चरण पूरा हो गया.
जेटली ने कहा, हमें घरेलू निवेश और अंतरराष्ट्रीय निवेश की जरूरत है. निवेश से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. निवेश आएगा तब हम सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में पैसा लगा सकेंगे. अगर ऐसा माहौल नहीं बनाया गया तब निवेश नहीं होगा और देश कारोबारियों का बन कर रह जायेगा, विनिर्माताओं का नहीं बन पायेगा.
वित्त मंत्री ने कहा कि कुछ लोगों ने बाधा खड़ी करने को अपनी विचारधारा बनाकर निवेश, राजस्व, बुनियादी ढांचे, नौकरियों और गरीबी उन्मूलन को बाधित करने का काम किया है. हमें निवेश के अनुकूल माहौल बनाना है, जिससे हमारे पास बुनियादी ढांचे, नौकरियों और गरीबी उन्मूलन के लिए संसाधन हो सके और ऐसा तब होगा तब देश की अर्थव्यवस्था 7 से 8 प्रतिशत विकास दर से बढ़ेगी.
कालाधन का जिक्र करते हुए जेटली ने कहा कि संसद के चालू सत्र में कालेधन पर अंकुश लगाने संबंधी विधेयक लाया जायेगा, जिसमें विदेशों में बिना बताए संपत्ति रखने वालों पर 300 फीसदी तक जुर्माना और 10 साल तक की सजा का प्रावधान होगा.
इनपुट: भाषा