ऑल इंडिया मजिलस ए इतेहदुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को कहा कि तमिलनाडु में जलीकट्टू पर प्रतिबंध के खिलाफ जारी प्रदर्शन हिंदुत्ववादी ताकतों के लिए एक सबक है. ओवैसी ने एक ट्वीट में कहा, 'जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध के खिलाफ जारी प्रदर्शन हिंदुत्ववादी ताकतों के लिए सबक है.'
#Jallikattuprotest Lesson for Hindutva forces,Uniform Civil Code cannot be "imposed"this nation cannot have one CULTURE we celebrate all
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) January 20, 2017
राष्ट्र में एक संस्कृति नहीं
ओवैसी ने राज्य में इस परंपरागत खेल पर प्रतिबंध के खिलाफ जारी प्रदर्शन को समान नागरिक संहिता से जोड़ा और कहा कि इसे लोगों पर थोपा नहीं जा सकता. उन्होंने लिखा, 'इस राष्ट्र में एक संस्कृति नहीं है, हम सभी उत्सवों को मनाते हैं.'
जलीकट्टू पर लगे प्रतिबंध के खिलाफ प्रदर्शन
गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय ने साल 2014 में बैलों को काबू करने के पारंपरिक खेल जलीकट् टू पर प्रतिबंध लगा दिया था. इस प्रतिबंध को हटाने के लिए तमिलनाडु ने शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर की थी, जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया. इसके बाद से राज्य में हजारों लोग जलीकट्टू पर लगे प्रतिबंध के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.
केंद्र की सुप्रीम कोर्ट में अर्जी
तमिलनाडु में जलीकट्टू के समर्थन में जारी विरोध प्रदर्शन के बीच तमिलनाडु सरकार ने शुक्रवार 20 जनवरी को ऐलान किया कि इस बारे में एक-दो दिन में अध्यादेश लाया जाएगा. इस बीच केंद्र सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दाखिल कर कम से कम एक हफ्ते तक फैसला नहीं देने का अनुरोध किया है. केंद्र ने कहा है कि धार्मिक भावनाओं को लेकर राज्य में प्रदर्शन हो रहे हैं और ऐसे में कानून-व्यवस्था को लेकर बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है. सुप्रीम कोर्ट केंद्र की अर्जी पर राजी हो गया है कि एक हफ्ते तक इस मामले में फैसला नहीं दिया जाएगा.
केंद्र और राज्य सरकार पर दबाव
विरोध प्रदर्शन को देखते हुए राज्य और केंद्र सरकार की अर्जी पर ओवैसी ने कहा कि तमिलनाडु के लोगों ने एक साथ आगे आकर मोदी और AIADMK सरकार को कानून बदलने के लिए बाध्य किया है.
People of Tamil Nadu by Uniting & coming together have forced the Modi &AIADMK govt to change law to overcome Supreme court judgment
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) January 20, 2017